कारगिल विजय दिवस पर राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान (एनआईईपीवीडी) में हुए कार्यक्रम में इंडियन एयर फोर्स के रिटायर्ड ग्रुप कैप्टन कमंबमपति नचिकेता राव ने छात्रों के साथ अपने अनुभव भी साझा किए।
1999 में युद्ध के दौरान रिटायर्ड ग्रुप कैप्टन नचिकेता को पाकिस्तानी सैनिकों ने पकड़ लिया था। आठ दिन तक काफी टॉर्चर करने के बाद उन्हें भारत को सौंपा गया था। नचिकेता ने बताया कि उन आठ दिनों में हर वक्त मौत सामने नजर आती थी, लेकिन फिर भी एक उम्मीद थी कि एक दिन अवश्य वे भारत वापस लौट सकेंगे। बताया कि कारगिल में 17 हजार फीट से ज्यादा ऊंचाई पर स्थित पाकिस्तानी चौकियों को तबाह करने की जिम्मेदारी दी गई थी।
मिग-27 से उड़ान भर उन्होंने लक्ष्य पर निशाना साधा ही था कि एक मिसाइल विमान से टकराई और इंजन में आग लग गई। कमर के बल जमीन पर गिरने से घायल हो गए। थोड़ी ही देर में पाकिस्तानी सैनिकों ने उन्हें घेर लिया और मारपीट की। इससे पहले कार्यक्रम में देश के लिए कुर्बानी देने वाले वीर सपूतों के शौर्य को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस मौके पर एनआईईपीवीडी के निदेशक हिमांग्शु दास, प्रधानाचार्य अमित शर्मा आदि मौजूद थे।