राजधानी देहरादून के रायपुर, चकरायपुर समेत अन्य इलाकों में चायबागान की करोड़ों रुपये कीमत की सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे हटाने को लेकर जिला प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद जिलाधिकारी सोनिका के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी डॉ. एसके बरनवाल की अगुवाई में अभियान चलाकर 6.7 एकड़ जमीन से अवैध कब्जा हटाया गया।बुधवार को जिला प्रशासन एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों की अगुवाई में बुलडोजर की मदद से कब्जेदारों की ओर से बनाई गई दीवारों को तोड़ने के साथ ही तमाम निर्माणों को हटाया गया। इस दौरान कब्जेदारों में अफरातफरी का भी माहौल रहा। दूसरी ओर कुछ कब्जेदारों की जिला प्रशासन और राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ कहा-सुनी भी हुई। कब्जेदारों ने दस्तावेज दिखाते हुए सरकारी जमीन को अपना बताया। लेकिन, अधिकारियों ने उनके दावों को सिरे से खारिज कर दिया।
अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) डॉ. एसके बरनवाल ने बताया कि चायबागान की जमीन सरकारी है। ऐसे में उस पर किसी भी प्रकार का निर्माण अवैध है। चायबागान की जमीन पर जिन लोगों ने भी कब्जा किया है उन तमाम कब्जों को हटाया जाएगा। अपर जिलाधिकारी ने बताया कि अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाने के बाद जमीन पर नोटिस बोर्ड चस्पा कर दिया गया है और जल्द ही इसे लेकर नोटिफिकेशन भी जारी किया जाएगा।बता दें कि चायबागान की 350 बीघा जमीन पर कब्जे को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार, शासन और जिलाधिकारी से रिपोर्ट तलब की थी। जिलाधिकारी के आदेश पर अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) डॉ. एसके बरनवाल की अगुवाई में राजस्व अभिलेखों के मुताबिक जांच की गई तो पता चला कि चायबागान की जमीन सरकारी है। लेकिन, उस पर तमाम लोगों का कब्जा है।
चायबागान की सरकारी जमीन से कब्जा हटाने को लेकर जिला प्रशासन ने चलाया बुलडोजर
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