Thursday, October 31, 2024
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जितना पैसा उतना ही काम, जानें क्या है क्वाइट क्विटिंग ट्रेंड जिस पर दुनियाभर में हो रही चर्चा

नौकरी में और वर्कप्लेस पर तनाव दुनियाभर में बड़ी संख्या में कर्मचारियों के लिए एक हकीकत की तरह है। जरूरत से ज्यादा काम, नौकरी और निजी जीवन में संतुलन न बैठा पाना, ऑफिस से घर आकर भी काम और छुट्टी के दिनों में भी ऑफिस के काम आदि। ये सभी ऐसे कारण है जिसने कर्मचारियों को तनाव में ला दिया है। इन्ही समस्याओं के कारण साल 2021 में दुनिया ने द ग्रेट रेजिग्नेशन का दौर देखा है, जिसमें बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने नौकरी छोड़ी या छोड़ने की अब भी सोच रहे हैं। ऐसे में हाल के दिनों में एक और ट्रेंड की शुरुआत हुई है जिसे Quiet Quitting नाम दिया जा रहा है। आइए जानते हैं कैसे शुरू हुआ यह ट्रेंड, क्या है इसके कारण और इसके बारे में सब कुछ
क्या है Quiet Quitting?
क्वाइट क्विटिंग द ग्रेट रेजिग्नेशन की तरह नौकरी को छोड़ने से संबंधित नहीं है। इस ट्रेंड को आसान शब्दों में समझें तो इसका मतलब है कि उतना ही काम करना जितने की आपको सैलरी मिलती हो। काम उतना ही हो जिससे कि आपकी नौकरी और निजी जीवन में संतुलन बरकरार रहे। काम उतने ही घंटे जितना की निर्धारित हो। यानी कि ऑफिस के लिए केवल उतना ही काम जितना नौकरी में बने रहने के लिए जरूरी है। जिससे आपकी मानसिक स्थिति सही रहे और आप पर तनाव न आए।
क्या था द ग्रेट रेजिग्नेशन?
कोरोना महामारी के बाद दुनियाभर में द ग्रेट रेजिग्नेशन का दौर सामने आया। बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने अपनी कंपनियों से इस्तीफा दिया या इस्तीफा देने की इच्छा जताई। इस कदम के पीछे दफ्तरों के बुरे माहौल/Work Culture, सीनियर्स और बॉस के व्यवहार और कम सैलरी को वजह बताया था।
द ग्रेट रेजिग्नेशन के उलट है Quiet Quitting?
हाल के दिनों में शुरू हुआ Quiet Quitting ट्रेंड 2021 में आए द ग्रेट रेजिग्नेशन से थोड़ा अलग तो है लेकिन इसके पीछे का कारण लगभग दोनों ही ट्रेंड में समान ही है। द ग्रेट रेजिग्नेशन के दौरान जहां लोग नौकरियों को छोड़ रहे थे तो वहीं, Quiet Quitting ऐसे लोगों के लिए जो अपनी नौकरी ऑफिस कल्चर के कारण तनाव में तो हैं लेकिन नौकरी को छोड़ना नहीं चाहते।
क्या है Quiet Quitting का मकसद?
कंपनियों के बुरे वर्क कल्चर, बढ़ती महंगाई के मुताबिक कम वेतन, निर्धारित घंटों से ज्यादा काम करने के कारण कर्मचारी धीरे-धीरे अवसाद का शिकार होते चले जा रहे हैं। कर्मचारी बर्नआउट का शिकार हो रहे हैं। बर्नआउट वह स्थिति होती है जब काम के बोझ से आपका शरीर, दिमाग और मन सभी आपका साथ छोड़ने लगते हैं और आप में बिल्कुल भी ऊर्जा नहीं बचती है। इसी कल्चर के विरोध में Quiet Quitting ट्रेंड निकल कर सामने आया है।
कहां से शुरू हुआ ट्रेंड?
आपको यह जान कर आश्चर्य होगा की Quiet Quitting ट्रेंड सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिक-टॉक से शुरू हुआ है। इसकी शुरुआत @zaidleppelin नाम के यूजर ने की। इसके बाद से हजारों की संख्या में टिक-टॉकर्स ने इस ट्रेंड के साथ वीडियो साझा किए और अपने वर्क कल्चर के बारे में जिक्र किया। उन्होंने वीडियो में बताया कि उन्होंने अपना काम और जीवन में संतुलन बनाना शुरू कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि वे समय से काम छोड़ देते हैं और काम के बाद ऑफिस के ईमेल का जवाब नहीं देते।
युवाओं में पॉपुलर हो रहा ट्रेंड
Quiet Quitting ट्रेंड युवाओ में काफी पॉपुलर हो रहा है। टिक-टॉक से आगे बढ़ कर यह ट्रेंड अब ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी पहुंच चुका है। युवा अब इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि उन्हें ऑफिस में निर्धारित समय से ज्यादा और बिना वेतन के कार्य नहीं करना चाहिए। उन्हें किसी अन्य कर्मचारी का अन्य कार्य करने की जरूरत नहीं है। उन्हें अपने बॉस को खुश रखने के लिए और भविष्य में प्रमोशन के लिए कईं घंटों तक अतिरिक्त काम नहीं करना चाहिए। कई लोग Quiet Quitting को क्रांतिकारी कदम बता रहे हैं।

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