रुद्रपुर। शादी का झांसा देकर दुष्कर्म के मामले में आरोपी युवक को न्यायालय ने दोषमुक्त करार दिया है। इस मामले में चार अगस्त 2020 को सितारगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी जिसमें कहा गया था कि अभियुक्त ने पीड़िता के साथ शादी का झांसा देकर कई बार शारीरिक संबंध बनाए। हर बार पीड़िता से अभियुक्त कहता था कि वह अपनी बहन की शादी के बाद उससे विवाह कर लेगा। 15 जून 2020 को उसकी बहन की भी शादी हो गई और आरोपी पीड़िता को 19 जून, 2020 को अपनी बहन के ससुराल ले गया, जहां पर शारीरिक संबंध बनाने का आरोप है। कहा गया था कि अभियुक्त दूसरी लड़की के साथ शादी कर रहा है और इस संबंध में पूछने पर गालियां और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया था।
सितारगंज थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृत करते हुए अभियुक्त दिलशाद के विरुद्ध धारा 376, 504, 506 आईपीसी के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया। न्यायालय में इस मामले की सुनवाई प्रारंभ हुई। न्यायालय में अभियोजन की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता उमेश कुमार गुप्ता तथा अभियुक्त की ओर से अधिवक्ता सुखेंद्र सरकार व कृष्णा मंडल ने पक्ष रखा। अपर सत्र न्यायाधीश शिवाकांत द्विवेदी ने अपने आदेश में कहा है कि न्यायालय इस निष्कर्ष पर पहुंचता है कि अभियोजन अभियुक्त दिलशाद के विरुद्ध धारा 376, 504, 506 आईपीसी के अंतर्गत दंडनीय अपराध के आरोपों को युक्तियुक्त संदेह के परे साबित करने में विफल रहा है। परिणाम स्वरूप अभियुक्त सभी आरोपों से दोषमुक्त किए जाने योग्य है।
शादी का झांसा देकर दुष्कर्म के मामले में आरोपी युवक दोषमुक्त
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