बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए शिक्षकों को समर्पण जरूरी है। किसी भी देश का उज्जवल भविष्य वहां के शिक्षकों के हाथ में होता है। वे युवाओं को सही दिशा में बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं और देश की आर्थिक, सामाजिक, नैतिक विकास और भविष्य निर्माण की नींव डालते हैं। ये बात पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने शनिवार को गांधी इंटर कालेज में मानवाधिकारी एवं सामाजिक न्याय संगठन के शिक्षक सम्मान कार्यक्रम में कही।
उन्होंने कहा कि हम ज्ञान के लिए अंग्रेजी तो अवश्य पड़ रहे हैं, लेकिन देश की आत्मा को अगर जगाना है, उसे समझना है तो हमें अपनी मातृभाषा को अधिक से अधिक फैलाना होगा। उसका प्रचार-प्रसार करना होगा। कहा कि नई शिक्षा नीति के चलते इंजीनिररिंग और मेडिकल जैसी उच्च स्तरीय पढ़ाई भी हमारी मातृभाषा में होने लगेगी। कार्यक्रम में न्यायमूर्ति राजेश टंडन, डॉ रश्मि त्यागी रावत, संगठन की प्रदेश अध्यक्ष मधु जैन, चेयरमैन सचिन जैन, संरक्षक सुनील अग्रवाल, राज कुमार तिवारी, गीता हरिओम, जितेंद्र दंडोना, एसपी सिंह, घनश्याम वर्मा हरिओम, पूनम मसीह, संगीता खन्ना और अमित अरोड़ा आदि लोग मौजूद रहे।
अच्छी शिक्षा के लिए शिक्षकों का समर्पण जरूरी: त्रिवेंद्र
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