हरिद्वार में कोविड टीकाकरण के फर्जी प्रमाणपत्र बनाने वाले दो सेंटरों को एसडीएम पूरन सिंह राणा ने सोमवार को छापा मारकर सील कर दिया। सेंटरों में फर्जी प्रमाणपत्र बनाए जाने की किसी व्यक्ति ने जिलाधिकारी से शिकायत की थी। सेंटरों को सील कर आरोपियों के खिलाफ सिडकुल थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। एसडीएम पूरन सिंह राणा ने बताया कि सिडकुल थाना क्षेत्र में ऑनलाइन मनी ट्रांसफर करवाने वाले कई सेंटर संचालित होते हैं। इनमें ऑनलाइन भूमि एवं अन्य प्रमाणपत्र डाउनलोड कर लोगों को मुहैया कराए जाते हैं। दो सेंटरों में कोविड टीकाकरण के फर्जी प्रमाणपत्र बनाकर देने की शिकायत थी। जांच में शिकायत सही पाई गई और सोमवार को छापा मारा गया। एसडीएम ने बताया कि केविन केयर रोशनाबाद में सोनू शर्मा के केंद्र पर छापा मारा गया।
सोनू शर्मा सिकंदर नाम के व्यक्ति का फर्जी कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्र बनाता पकड़ा गया। दूसरा केंद्र सलमान का है। सेंटर पर सुनीत कुमार नाम के व्यक्ति का फर्जी कोविड टीकाकरण का प्रमाणपत्र बनाते सलमान को दबोचा गया। एसडीएम पूरन सिंह राणा ने बताया कि दोनों लोगों के पास किसी भी प्रकार की मेडिकल संबंधी कोई डिग्री नहीं है। छापे में जिला क्षय रोग अधिकारी, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी के अलावा राजस्व से उपनिरीक्षक अरविंद सैनी, आशीष ममगाई और प्रवीन कुमार आर्य मौजूद रहे। एसडीएम ने सिडकुल पुलिस को बुुलाकर दोनों आरोपियों को उनके हवाले कर दिया। सीओ सदर बहादुर सिंह चौहान ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने फर्जी तरीके से प्रमाण पत्र बनाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
50 रुपये में बनाते थे फर्जी रिपोर्ट
पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी 50 रुपये में कोविड टीकाकरण की फर्जी रिपोर्ट देते थे। रिपोर्ट असली जैसी दी जाती थी। जिसे आसानी से पकड़ना संभव नहीं होता था। सिडकुल के कारखानों में नौकरी के लिए कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्र रिपोर्ट की मांगते हैं। इसलिए नौकरी के लिए अधिकतर लोग फर्जी प्रमाणपत्र बनवाते हैं।
कई और केंद्र भी रडार पर आए
सिडकुल में फर्जी प्रमाणपत्र बनवाने वाले कई अन्य सेंटर भी पुलिस के रडार पर आ गए हैं। अभी तक इस तरफ किसी का ध्यान नहीं गया था। अज्ञात व्यक्ति की शिकायत पर हुई इस कार्रवाई के बाद सेंटर संचालकों और फर्जी प्रमाणपत्र बनवाने वालों में हड़कंप मचा है।