श्राद्ध पक्ष के पहले दिन त्रिवेणीघाट पर शनिवार को लोगों ने पित्रों के निमित पिंडदान और तर्पण आदि संस्कार किए। ब्राह्मणों को दान दक्षिणा देकर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया। अनंत चतुर्दशी के बाद शनिवार को पूर्णमासी के साथ श्राद्ध पक्ष प्रारंभ हुआ। विभिन्न प्रांतों से अपने पितरों के निमित अनुष्ठान के साथ पिंडदान करने वाले श्रद्धालु एक दिन पहले शुक्रवार शाम को ही तीर्थनगरी ऋषिकेश पहुंच गए थे। शनिवार को सुबह से ही त्रिवेणी घाट पर स्थानीय और बाहरी प्रांतों से आए श्रद्धालुओं कर्मकांड करते नजर आए। गंगा में डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालुओं ने अपने पितरों के निमित अनुष्ठान तर्पण आदि कर ब्राह्मणों को वस्त्र और अपनी सामर्थ्य अनुसार दक्षिणा देकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। पंडित भानू ने बताया कि श्राद्ध पक्ष में गंगा किनारे पित्रों के निमित अनुष्ठान और पिंडदान तर्पण का खासा महत्व है। इसलिए देश के विभिन्न राज्यों से ही नहीं विदेशों से भी लोग पिंडदान तर्पण के लिए ऋषिकेश आते हैं। बीते वर्षों में कोविड के चलते तर्पण के लिए बाहर से कम ही लोग आए। लेकिन इस बार हालात सामान्य होने पर बाहरी प्रांतों से काफी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। तीर्थ पुरोहित समिति के अध्यक्ष महंत विनय सारस्वत ने बताया कि समिति की ओर से सभी श्रद्धालुओं के लिए पितृ अनुष्ठान के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
श्राद्ध के पहले दिन पित्रों के लिए पिंडदान किया
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