रुद्रपुर। एमएमटी कंपनी में ईटीपी टैंक की सफाई के दौरान बेहोश हुए चार श्रमिकों और दो ठेकेदारों में शामिल एक श्रमिक की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। पोस्टमार्टम हाउस में पहुंचे श्रमिक के परिजनों ने कंपनी प्रबंधन के खिलाफ रोष जताया। खेड़ा निवासी श्रमिक सुरेश, सचिन, रमेश और प्रीतविहार निवासी दिनेश 11 सितंबर को सिडकुल की एमएमटी कंपनी के ईटीपी टैंक की सफाई करने गए थे। प्रवीन और प्रकाश उनके ठेकेदार थे। सफाई के लिए टैंक में सबसे पहले सुरेश (29) उतरा। टैंक से निकलने वाली गैस की चपेट आकर वह बेहोश हो गया था। उसे बचाने के लिए उतरे अन्य श्रमिक और ठेकेदार भी गैस से बेहोश हुए थे।
इन सभी को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के बाद अन्य की स्थिति सामान्य हो गई थी जबकि सुरेश की हालत काफी नाजुक थी। इस कारण इलाज के दौरान बृहस्पतिवार तड़के करीब पांच बजे सुरेश की मृत्यु हो गई। पोस्टमार्टम हाउस में मौजूद परिजनों ने बताया कि सुरेश जिला रामपुर यूपी के ग्राम भंवरकी, कैमरी का मूल निवासी था। करीब 12 वर्ष से वह शहर के खेड़ा में रहकर टैंक सफाई करता था।
कंपनी प्रबंधन ने दिया दस लाख रुपये देने का आश्वासन
रुद्रपुर। परिजनों ने बताया कि टैंक से निकलने वाली गैस सुरेश के फेफड़ों में भर गई थी। डॉक्टरों ने उसे बचाने का काफी प्रयास किया लेकिन वह नहीं बच सका। सुरेश के परिजनों ने शाम तक अंतिम संस्कार भी नहीं किया। बताया जा रहा है कि इस दौरान कंपनी प्रबंधन से जुड़े लोगों ने सुरेश के परिवार को दस लाख रुपये की आर्थिक मदद और उसकी पत्नी को नौकरी देने की घोषणा की जिसके बाद परिजन शव को अंतिम संस्कार के लिए ले गए।
टैंक की सफाई करने के दौरान बेहोश हुए एक श्रमिक की मौत
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