उत्तराखंड के नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेजों में दाखिलों की प्रक्रिया अटक गई है। इस कारण करीब पांच हजार छात्र परेशान हैं। वे एचएनबी मेडिकल विवि-कॉलेजों में पूछताछ को पहुंच रहे हैं। बताया जा रहा कि पैरामेडिकल कोर्स की फीस तय न होने के साथ कई कॉलेजों की मान्यता और महिला आरक्षण से जुड़े प्रकरण हल नहीं होने से दाखिले अटके हुए हैं। हालांकि, मेडिकल विवि प्रबंधन का दावा है कि संभवत: अगले सप्ताह तक दाखिलों के लिए काउंसलिंग शुरू कर दी जाएगी। नर्सिंग-पैरामेडिकल प्रवेश परीक्षा 9-10 जुलाई को कराई गई थी। तब 11 हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों ने भाग लिया था। डेढ़ महीने बाद परिणाम जारी किया गया।
लेकिन, करीब पांच हजार छात्र अब तक दाखिले का इंतजार कर रहे हैं। कुलपति प्रो. हेमचंद्र पांडेय के अनुसार, आरक्षण से कुछ ही सीटों पर फर्क पड़ता है। इस मामले में शासन से राय मांगी जा रही है। मान्यता के बारे में शासन से अप्रूवल लिया गया है, काउंसलिंग के बीच में मान्यता मिलने वालों को शामिल कर लिया जाएगा। उधर, फीस का मसला एक सप्ताह में हल होने की उम्मीद है। इसके बाद काउंसलिंग शुरू कर दी जाएगी। फीस 15 हजार करने का भेजा प्रस्ताव: चिकित्सा शिक्षा निदेशालय की ओर से बीएमएलटी, बीएमआरआईटी और ओटीटी कोर्स की फीस 15 हजार रुपये करने का प्रस्ताव भेजा गया है। अभी तक यह फीस 45 हजार सालाना है। छात्र इसकी मांग कई बार उठा चुके हैं।
नर्सिंग-पैरामेडिकल कॉलेजों में दाखिलों के लिए छात्रों को लगा झटका, 5 हजार दाखिले रुके; यह है वजह
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