नैनीताल। हाईकोर्ट ने आरक्षित वन क्षेत्र में प्राइवेट लोगों की ओर से किए जाने वाले खनन पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने पूर्व के आदेशों के आधार पर सचिव वन विभाग को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश भी दिए हैं। कोर्ट ने यह आदेश खनन कार्य की अनुमति दिए जाने को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई। बाजपुर निवासी रमेश कंबोज ने जनहित याचिका में कहा कि राज्य सरकार आरक्षित वन क्षेत्र में खनन कार्य प्राइवेट लोगों को दे रही है। ये लोग मानकों के अनुरूप खनन नहीं करते हैं। यह हाईकोर्ट के 2014 में दिए गए आदेशों का उल्लंघन है।
यह है नियम
सरकार आरक्षित वन क्षेत्र में खनन कार्य प्राइवेट लोगों को नहीं दे सकती।
इसमें केंद्र सरकार की अनुमति लेनी आवश्यक होती है।
यहां केवल सरकारी एजेंसियां ही खनन कर सकती है।
अपील निरस्त होने के बाद भी दिए जा रहे हैं पट्टे
याचिका में कहा है कि वर्ष 2015 में राज्य सरकार की विशेष अपील सुप्रीम कोर्ट से निरस्त हो गई थी। इस आदेश के बाद भी राज्य सरकार प्राइवेट लोगों को आरक्षित वन क्षेत्र में खनन के पट्टे दे रही है। कोर्ट की ओर से इस पर रोक लगाई जाए।
आरक्षित वन क्षेत्र में प्राइवेट लोगों के खनन पर रोक
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