अंकिता हत्याकांड में एसआईटी ने पटवारी वैभव प्रताप सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ की, लेकिन शुक्रवार रात कई जगह उसकी गिरफ्तारी की खबरें चलने लगीं। हालांकि, अमर उजाला से बातचीत में डीजीपी अशोक कुमार ने पटवारी की गिरफ्तारी से साफ इनकार किया। अंकिता के लापता होने की सूचना के बाद पटवारी वैभव प्रताप सिंह अचानक छुट्टी पर चला गया था। उसने पटवारी विवेक कुमार को चार्ज दिया था। वैभव ने इस बात को भी स्वीकार किया था कि 19 सितंबर को मुख्य आरोपी पुलकित आर्य ने रात दो बजे अंकिता के लापता होने की सूचना उसको दी। नियमानुसार उसने 24 घंटे बाद गुमशुदगी दर्ज करने की बात कही थी। अचानक छुट्टी पर जाने के बाद से वैभव का मोबाइल लगातार बंद आ रहा था। मामले का संज्ञान लेते हुए पौड़ी गढ़वाल के डीएम विजय कुमार जोगदंडे ने पटवारी वैभव प्रताप सिंह की भूमिका को संदिग्ध पाते हुए उसे निलंबित कर दिया था। साथ ही सीआर में उसकी प्रतिकूल प्रविष्टि भी दर्ज की थी। वनंत्रा रिजॉर्ट में काम करने वाले पूर्व कर्मचारी इशिता और विवेक ने बताया था कि पटवारी का रिजॉर्ट में आना-जाना था। उसकी वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य से काफी नजदीकी थी। इसी बीच एसआईटी ने पटवारी वैभव को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। शुक्रवार को चर्चा ने जोर पकड़ा की एसआईटी ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इस संबंध में एएसपी और एसआईटी के सदस्य शेखर सुयाल से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठा।
हिरन का मांस परोसने की खबर
शुक्रवार को कुछ चैनलों पर वनंत्रा रिजॉर्ट में हिरन का मांस परोसने की खबरें चल रही थीं। हालांकि, कहीं से इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।
निलंबित पटवारी वैभव प्रताप को पुलिस ने हिरासत में लेकर की पूछताछ
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