रुद्रपुर। सितारगंज में गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग के प्रयासों से जिले में इस वर्ष गन्ने का रकबा करीब नौ प्रतिशत बढ़ गया है। सहकारी चीनी मिल शुरू होने से भी इसमें सुधार आया है। जिले में इस बार 26 हजार, 714 हेक्टेयर कृषि भूमि में गन्ना बोया गया है। सितारगंज में सहकारी चीनी मिल के बंद होने से गन्ने का रकबा भी घट रहा था। वर्ष 2021-22 में ऊधमसिंह नगर जिले में 24 हजार, 567 हेक्टेयर कृषि में भूमि में गन्ना बोया गया था। अब सितारगंज में गन्ना मिल शुरू होने से गन्ना किसान भी उत्साहित हैं। सत्र 2022-23 में गन्ने के रकबे में 2,147 हेक्टेयर बढ़ोतरी हुई है जो कि पिछले वर्ष से करीब नौ प्रतिशत अधिक है।
गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग के अनुसार गन्ने का रकबा बढ़ने की प्रमुख वजह बंद पड़ी सितारगंज चीनी के फिर खुलना रहा है। इसके अलावा विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों का किसानों को गन्ने की खेती के लिए प्रेरित करना भी इसकी वजह रहा। जिले में गन्ने का रकबा बढ़ने से नवंबर के पहले सप्ताह से शुरू होने जा रहे पेराई पत्र में सितारगंज, बाजपुर, किच्छा और नादेही चीनी मिलों से बेहतर चीनी उत्पादन की उम्मीद है। इस वर्ष जिले में गन्ना का रकबा करीब नौ प्रतिशत बढ़ा है। इसकी वजह गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग का प्रयास और सितारगंज की चीनी मिल का शुरू होना रहा। सितारगंज क्षेत्र के गन्ना किसानों ने इस बार अधिक गन्ना बोया है। इस बार मिलों में चीनी उत्पादन अधिक होने की संभावना है। – कपिल मोहन, सहायक गन्ना आयुक्त।
तराई में गन्ने का रकबा नौ प्रतिशत बढ़ा
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