Sunday, November 24, 2024
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कोरोना के भंवरजाल से निकली राज्य की अर्थव्यवस्था

हल्द्वानी। राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए राहत भरी खबर आई है। कोरोना के दौर में ऋणात्मक स्तर तक पहुंच गई अर्थव्यवस्था अब उछलकर छह फीसदी पहुंच गई है। राज्य का सकल घरेलू उत्पाद अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। राज्य सांख्यिकी विभाग के अनुसार, वर्ष 2018-19 से ही राज्य की अर्थव्यवस्था हिचकोले खा रही थी। वर्ष 2018-19 वित्तीय वर्ष में आर्थिक विकास दर 2.83 फीसदी दर्ज हुई थी। इसके बाद कोरोना का दौर शुरू हो गया। साल 2019-20 में आर्थिक विकास दर 0.59 फीसदी तक पहुंच गयी। कोरोना की वजह से सख्त हुए नियमों और बार-बार लग रहे लॉकडाउन की वजह से साल 2020-21 में राज्य की अर्थव्यवस्था ऋणात्मक स्तर तक पहुंच गई। इस वित्तीय वर्ष में आर्थिक विकास दर -4.42 फीसदी दर्ज की गई। हालांकि वैक्सीनेशन के बाद जब जनवरी 2022 में कोरोना की तीसरी लहर आई तब लॉकडाउन लगाने की जरूरत नहीं पड़ी। इस वजह से बीते वित्तीय वर्ष में राज्य की आर्थिक विकास दर 6.13 फीसदी तक पहुंच गई। हालांकि पूरे देश की आर्थिक विकास दर इस दौरान 9.2 फीसदी दर्ज की गई है।
प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ी
हल्द्वानी। साल 2011-12 में राज्य में प्रति व्यक्ति आय 100314 रुपये थी। साल 2019-20 में ये 188441 रुपये तक पहुंच गई। साल 2020-21 में ये घटकर 182698 रुपए पर आ गई। बीते वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य की प्रति व्यक्ति आय 196282 रुपए हो गई। ये अभी तक के उच्चतम स्तर पर है। भारत की प्रति व्यक्ति आय बीते वित्तीय वर्ष में 150326 रुपये दर्ज की गई है। उत्तराखंड की प्रति व्यक्ति आय देश की प्रति व्यक्ति आय से ज्यादा है।
प्राथमिक क्षेत्र का योगदान घटा, तृतीयक क्षेत्र का बढ़ा
हल्द्वानी। अर्थव्यवस्था में प्राथमिक क्षेत्र जैसे कृषि, पशुपालन, मत्स्य का योगदान साल 2011 में 14 फीसदी था जो अब घटकर 12.11 फीसदी हो गया है। जबकि द्वितीयक क्षेत्र विनिर्माण, विद्युत, गैस का योगदान साल 2011 में 52.12 फीसदी से साल 2021-22 में 44.98 फीसदी आ गया है। तृतीयक क्षेत्र रेलवे, होटल, वित्तीय सेवाएं, अन्य सेवाओं का योगदान साल 2011 में 33.98 फीसदी से अब 42.92 फीसदी हो गया है। होटल और मझोले कारोबारों ने 31.79 फीसदी का उछाल पाया है।
सकल घरेलू उत्पाद भी उच्चतम स्तर पर
हल्द्वानी। राज्य का सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2021-22 में 189882 करोड़ पर पहुंच गया है। कोरोना की वजह से वर्ष 2020-21 में ये घटकर 178912 करोड़ था जबकि वित्तीय वर्ष 2019-20 में राज्य की जीडीपी 187179 करोड़ था। साल 2011-12 में राज्य की जीडीपी 115328 करोड़ थी।राज्य की प्रतिव्यक्ति आय, आर्थिक विकास दर, सकल घरेलू उत्पाद में उछाल आया है। साल 2020-21 की अपेक्षा साल 2021-22 में ये आंकड़े सामने आए हैं। – एचएस मिश्रा, अपर सांख्यिकी अधिकारी।

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