उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड और भारतीय पर्वतारोहण संस्थान के बैनर तले 18 सदस्यीय दल ने बागेश्वर जिले के पिंडर घाटी में स्थित 5922 मीटर ऊंची बल्जुरी चोटी फतह की है। विपरीत मौसम के बावजूद युवाओं का दल चोटी फतह करने में कामयाब रहा। दल में बागेश्वर समेत पांच जिलों के पर्वतारोही शामिल थे। उत्तराखंड सरकार ने पहली बार पर्वतारोहण अभियान की शुरूआत की है। 16 सितंबर को पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने देहरादून से दल को रवाना किया था। दल के लीडर ध्रुव जोशी ने बताया कि बागेश्वर से धूर, द्वाली, फुरकिया की ट्रैकिंग के बाद के दल ने 3580 मीटर की ऊंचाई पर पिनरीउडडयार में बेस कैंप स्थापित किया। अगले चरण में 4750 मीटर की ऊंचाई पर एडवांस बेस कैंप स्थापित किया। लगातार मौसम खराब रहा। तीन दिन तक लगातार बर्फबारी होते रही, जिसके चलते आगे कैंप नहीं बना सके। दो अक्तूबर को मौसम थोड़ा साफ हुआ। टीम ने एडवांस बेस कैंप से रात 11 बजे बल्जुरी चोटी के लिए निकलने का निर्णय लिया। ताजा बर्फबारी के कारण चोटी तक पहुंचने के लिए करीब तीन फुट जमी ताजा बर्फ पर रास्ता बनाना पड़ा। कई जगहों पर फिक्स रोप लगाकर ग्लेशियर पार किए। तीन अक्तूबर सुबह साढ़े ग्यारह बजे टीम ने चोटी फतह कर ली।
दल के टीम लीडर ध्रुव जोशी ने बताया कि पर्यावरण में बदलाव की वजह से ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं और धंसते जा रहे हैं। उन्होंने ग्लेशियरों को बचाने के लिए पुख्ता इंतजाम की आवश्यकता बताई। कहा कि स्थानीय लोगों के साथ ही ट्रैकरों को हिमालय की सुरक्षा के लिए विशेष प्रयास करने होंगे। हिमालय क्षेत्र के संरक्षण के लिए हर व्यक्ति का योगदान जरूरी है। पर्यावरणीय संतुलन बना रहेगा तो हिमालय और ग्लेशियर संरक्षित रहेंगे। दल में चार हाई एल्टीट्यूड पर्वतारोही विजय रौतेला, नरेंद्र कुमार, नीरज रावत, विक्रम दानू शामिल थे। दल में बागेश्वर से पर्वतारोही चेतन सिंह धर्मशक्तू, चंपावत से सुरेश चंद्र भट्ट, पिथौरागढ़ से पंकज सिंह पोखरिया, किशोर बोरा, शुभम पार्की, दीपिका टोलिया, मेनका गुंज्याल, नैनीताल से प्रियंका मेहता, नीरज जलाल, विजय सिंह बिष्ट और ऊधमसिंह नगर से प्रीति पोखरिया और आमिर शामिल थे। एसडीआरएफ का संचार कर्मी भी दल में शामिल था।
5922 मीटर ऊंची बल्जुरी चोटी का सफलता पूर्वक आरोहण-कोर्डिनेशन
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