जैंती (अल्मोड़ा)। लमगड़ा ब्लॉक के अंतर्गत रणाऊ गांव में तेंदुए ने घर के आंगन में एक 14 वर्षीय किशोर पर हमला कर लहूलुहान कर दिया। बच्चे के चिल्लाने की आवाज सुनकर उसकी जान बचाने घर के भीतर से पिता दौड़े चले आए। तेंदुए ने पिता पर भी हमला कर दिया। शोर सुनकर आसपास के लोग मौके पर जमा हो गए। भीड़ देख कर तेंदुआ वहां से भाग निकला। घायल किशोर को अस्पताल लाया गया जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे छुट्टी दे दी गई।
रणाऊं गांव निवासी आनंद सिंह बगड़वाल (14) पुत्र पान सिंह मंगलवार की शाम को अपने घर के आंगन में पालतू मुर्गी को लाने आया था। इसी दौरान आसपास घात लगाकर छिपे तेंदुए ने उस पर हमला कर दिया। तेंदुए ने किशोर के सिर, हाथ और पीठ में पंजे मार दिए। तेंदुए के हमले होने पर बच्चा चिल्लाया को घर के भीतर से पिता पान सिंह दौड़े चले आए। जैसे ही वह बच्चे के पास पहुंचे तो तेंदुआ उन पर भी झपट पड़ा।
तेंदुए के हमले में दोनों घायल हो गए। शोर सुनकर आसपास के लोग मौके पर जमा हो गए। लोगों की भीड़ देखकर तेंदुआ वहां से भाग गया। घायल किशोर को सीएचसी लमगड़ा लाया गया जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे छुट्टी दे दी गई है। आनंद सिंह कक्षा नौवीं का छात्र है। घटना की जानकारी मिलने पर सिविल सोयन वन प्रभाग अल्मोड़ा के डीएफओ भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया ग्रामीणों गांवों वालों को सावधानी बरतने को कहा गया है और तेंदुए पर नजर रखी जा रही है।वन विभाग ने दोनों घायलों को मुआवजा के लिए पांच-पांच हजार रुपये की पहली किस्त जारी कर दी है। रणाऊं के पूर्व प्रधान राम सिंह बगड़वाल ने तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग से गांव में पिंजरा लगाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि शाम होते ही तेंदुआ गांव में आ रहा है। इससे अनहोनी का खतरा बना हुआ है। एक माह में तेंदुआ गांव में कई मवेशियों को निवाला बना चुका है। तेंदुए के हमले में घायल दोनों पिता-पुत्रों को 15-15 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। मुआवजे की पांच-पांच हजार की पहली किस्त जारी कर दी है। तेंदुए पर नजर रखी जा रही है। ग्रामीणों को सतर्क रहने को कहा गया है। – ध्रुव सिंह मर्तोलिया, डीएफओ सिविल सोयम वन प्रभाग अल्मोड़ा
शाम होते ही घरों से बाहर निकलना हुआ मुश्किल
लमगड़ा/जैंती। लमगड़ा ब्लॉक के धूरा संग्रौली, कनरा, लमकोट, गौलीमहर, ठाट, तुलेड़ी, सिरसोड़ा, कपकोट, बलिया बैगनिया, टकोली, ढैली, तोली आदि के ग्रामीणों का कहना है कि तेंदुए के आतंक के चलते शाम होते ही घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। वहीं, जैंती तहसील के अंतर्गत ल्वाली, भाबू, बिराड़, बसगांव, तल्ला बिनौला, मल्ला बिनौला, नया संग्रौली, बस्टा, कालाडुंगरा, कुंज, रडौनी, आराखेत गांवों में तेंदुए के आतंक के चलते महिलाएं अकेले चारा और जलौनी लकड़ी लेने जंगल नहीं जा रही हैं।
क्या कहते हैं रणाऊं के लोग
रणाऊं गांव में तेंदुआ कई मवेशियों को मार चुका है। तेंदुए का आतंक इतना ज्यादा बढ़ गया है कि शाम होते ही घर के आसपास आ रहा है। इससे ग्रामीणों को जान का खतरा बना हुआ है। प्रशासन, वन विभाग को सूचना देने के बावजूद तेंदुए के आतंक से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है। – सुरेंद्र सिंह बगड़वाल, रणाऊं
गांव में कई लोग बकरी पालन कर आजीविका चलाते हैं। तेंदुआ लगातार बकरियों को मार रहा है, इससे पशुपालकों को नुकसान झेलना पड़ रहा है। जंगलों में पशु चुगाने जाने पर ग्वालों को भी जान का खतरा बना रहता है। अकेले स्कूल आने जाने वाले बच्चों की जान भी खतरे में है। – जगदीश राम, रणाऊं
तेंदुए का आतंक होने से ग्रामीण असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। जिस तरह तेंदुआ गांव में आ जा रहा है उससे ग्रामीणों की जान खतरे में है। वन विभाग को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। – विक्रम सिंह बगड़वाल, ब्लॉक प्रमुख लमगड़ा
बेटे को बचाने के लिए तेंदुए से भिड़ गया पिता
RELATED ARTICLES