Wednesday, November 27, 2024
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ज्येष्ठ उपप्रमुख ने दर्ज कराया पत्नी की हत्या का मुकदमा

काशीपुर। ज्येष्ठ उपप्रमुख ने दस-बारह लोगों के खिलाफ एक राय होकर उसकी पत्नी की हत्या करने के आरोप में कुंडा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चार हत्यारोपियों को पकड़कर कुंडा थाना पुलिस के सुपुर्द कर दिया था। मौके पर हमलावरों का एक पिस्टल भी पड़ा हुआ है। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। कुंडा थाना पुलिस को दी तहरीर में भरतपुर निवासी गुरताज ने कहा है कि 12 अक्तूबर की शाम करीब साढ़े छह बजे उनके घर दो गाड़ियों से 10-12 लोग पहुंचे। उनमें से कई व्यक्तियों के मुंह से शराब की बदबू आ रही थी। आते ही गालियां देते हुए बोले कि वे ठाकुरद्वारा पुलिस के लोग हैं। उन्हें एक आदमी की तलाश है। इस पर उसने कहा कि अगर आप लोग पुलिस कर्मी हो तो हमारे कुंडा थाने की पुलिस को बुला लो और तलाशी ले लो। गुरताज का कहना है कि ज्येष्ठ उपप्रमुख के रूप में परिचय देने पर वह उनके साथ गालीगलौज करते हुए दुमंजिलों के कमरों में घुस गए और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। उनकी पत्नी गुरजीत कौर को सीने में गोली लगी। फायरिंग की आवाज सुनकर परिजन व आसपास के लोग वहां आ गए। लोगों ने उनमें से चार व्यक्तियों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। जिस व्यक्ति ने उनकी पत्नी को गोली मारी थी, छीनाझपटी में उसका पिस्टल भी मौके पर गिर गया। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उनकी पत्नी को मृत घोषित कर दिया। एसपी चंद्रमोहन ने बताया कि तहरीर पर एक राय होकर हत्या करने का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
देर रात घटनास्थल पर पहुंची फोरेंसिक टीम
काशीपुर। वारदात से संबंधित साक्ष्य जुटाने के लिए कई पुलिस टीमों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। रुद्रपुर से फोरेंसिक एक्स्पर्ट की टीम देर रात ग्राम भरतपुर स्थित घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस ने मौके से साक्ष्य एकत्र किए। इसके अलावा सीसीटीवी कैमरों से भी साक्ष्य जुटाए जाएंगे। पुलिस की टीमें वारदात के समय बनाई गई वीडियो भी एकत्र करने के प्रयास में जुटी है। एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि पुलिस टीमें वारदात से जुड़े हर साक्ष्य का संकलन करेंगी ताकि वारदात की विवेचना में मदद मिल सके।
डीआईजी के आश्वासन पर रात 11:10 बजे खत्म हुआ धरना
काशीपुर। गुरजीत कौर हत्याकांड के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जसपुर विधायक आदेश चौहान ने प्रदर्शनकारियों के साथ जाम स्थल पर धरना दिया। करीब पांच घंटे तक चला धरना डीआईजी डॉ. नीलेश आंनद भरणे और एसएसपी मंजूनाथ टीसी के आश्वासन पर समाप्त हो गया। कुंडा थाने के सामने एनएच जाम की सूचना पर डीआईजी भरणे और एसएसपी मंजूनाथ रात करीब 9:20 बजे मौके पर पहुंचे। डीआईजी ने घटना के बारे में बताया कि मुरादाबाद पुलिस की टीम उत्तराखंड पुलिस को सूचित किए बगैर सादी वर्दी में आई थी। कायदे में उन्हें उत्तराखंड के पुलिस अधिकारियों से संपर्क करना चाहिए था। डीआईजी भरणे ने कहा है कि आरोपियों की धरपकड़ के लिए पुलिस की टीमें गठित कर दी गई हैं। मौके पर डॉग स्क्वाड, फोरेंसिक टीम बुलाई गई है। सबूतों के आधार पर केस को आगे की विवेचना की जाएगी। एसएसपी के आश्वासन पर विधायक आदेश चौहान व अन्य प्रदर्शनकारियों ने देर रात 11:10 बजे धरना समाप्त कर दिया गया। धरने पर बैठने वालों में किसान नेता जितेंद्र सिंह जीतू, गुरप्रीत सिंह गोपी, हुकुम सिंह आदि थे।
डीआईजी ने स्वीकारा, अभिरक्षा से भागे हैं पुलिस कर्मी
काशीपुर। डीआईजी डॉ. नीलेश आनंद का कहना है कि वारदात को अंजाम देने के बाद ठाकुरद्वारा पुलिस के कर्मचारी चकमा देकर कुंडा पुलिस की अभिरक्षा से फरार हो गए। मुरादाबाद रोड पर सूर्या चौकी पुलिस के साथ भी भाग रहे पुलिस कर्मियों ने अभद्रता की। यह घटना भी सीसीटीवी में है। वहां से फुटेज निकालकर कार्रवाई की जाएगी।
गोली चली, हत्या हो गई, कुछ घायल हुए, एसएसपी को किसी ने कुछ नहीं बताया
काशीपुर। 50 हजार रुपये के इनामी बदमाश को दबोचने के लिए आई यूपी की ठाकुरद्वारा पुलिस ने कुंडा थाना पुलिस को अपने आने की भनक तक नहीं लगने दी। बुधवार की शाम को 10-12 लोग सादे कपड़ों में दो गाड़ियों से ज्येष्ठ उप प्रमुख गुरताज भुल्लर के फार्म हाउस पर आ धमके। उनके हाथों में पिस्टल थे। परिवार के लोगों ने बदमाश समझकर उन्हें ललकारा। इस दौरान हुई फायरिंग में गुरजीत कौर की मौत हो गई। कुंडा थाना पुलिस को इस घटना की भनक तब लगी जब मृतका के चाचा ने पुलिस को हत्या हो जाने की जानकारी दी। इस पर कुंडा थाना प्रभारी दिनेश फर्त्याल भी उच्चाधिकारियों को सूचित किए बगैर ही घटनास्थल की ओर रवाना हो गए। मौके पर पहुंचकर वारदात की गंभीरता को देखते हुए एसओ नेे घायलों को अस्पताल पहुंचाया।
वारदात में ठाकुरद्वारा के प्रभारी निरीक्षक योगेंद्र सिंह, आरक्षी राघव, सिंघम, शिवकुमार और राहुल घायल हो गए। घायलों को कुंडा थाना पुलिस ने सरकारी अस्पताल पहुंचाया लेकिन इसी दौरान घायल महिला की मौत की खबर सुनकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। ठाकुरद्वारा इंस्पेक्टर योगेंद्र ने तत्काल एसएसपी मुरादाबाद हेमंत कुटियाल को वारदात में पुलिस कर्मियों के घायल होने की सूचना दी। कुटियाल ने ही ऊधमसिंह नगर के एसएसपी मंजूनाथ टीसी को घटना के बारे में बताया। तब कहीं जाकर एसएसपी मंजूनाथ टीसी को इस बारे में जानकारी हुई। एसएसपी मंजूनाथ के निर्देश पर जिले के आला पुलिस अधिकारी घटना स्थल की ओर से दौड़ पड़े। एसपी काशीपुर चंद्रमोहन सिंह, सीओ वंदना वर्मा, सीओ रामनगर बीएस भाकुनी, सीओ बाजपुर भूपेंद्र सिंह, कोतवाल मनोज रतूड़ी, कोतवाल जसपुर प्रेम सिंह दानू, कोतवाल बाजपुर प्रवीण सिंह कोश्यारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। इस दौरान गुस्साए लोगों ने कुंडा थाने के सामने एनएच को घेरकर वहां जाम लगा दिया। इससे एनएच पर वाहनों की लबी कतारें लग गईं। देर रात तक पुलिस अधिकारी प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझाने में लगे थे लेकिन प्रदर्शनकारी टस से मस होने को तैयार नहीं हुए।
जनाक्रोश से फूले पुलिस के हाथ-पांव, एसडीएम पर भड़के लोग
काशीपुर। मृतका गुरजीत कौर बेहद सौम्य स्वभाव की थी। उसकी हत्या की खबर ने क्षेत्र की जनता को झकझोर कर रख दिया। उसकी पांच वर्ष की एक बेटी है और चार माह पूर्व ही उसने एक बेटे को जन्म दिया था। गुरजीत कौर का मायका काशीपुर के मोहल्ला टांडा उज्जैन का है। उसकी मौत को लेकर उपजे आक्रोश से पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। एहतियात के तौर पर अधिकारियों ने कुंडा थाने का मेन गेट तक बंद कर दिया। प्रदर्शनकारियों को समझाने के दौरान एसडीएम अभय प्रताप सिंह के मुंह से अनायास ही कुछ निकल गया जिस पर लोग उन पर भड़क गए। मौके पर मौजूद एसपी चंद्रमोहन सिंह, सीओ वंदना वर्मा व अन्य अधिकारियों ने एसडीएम को वहां से हटाकर स्थिति को जैसे-तैसे संभाला।
जनप्रतिनिधियों ने कड़े शब्दों में की घटना की निंदा
काशीपुर। गुरजीत कौर की हत्या की खबर सुनकर जनप्रतिनिधि भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने इस वीभत्स घटना की कड़े शब्दों में निंदा कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। गदरपुर विधायक अरविंद पांडेय, पूर्व सांसद बलराज पासी और पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा ने मौके पर पहुंचकर पुलिस अधिकारियों से वार्ता की। एसपी चंद्रमोहन ने उन्हें घटना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सभी आरोपियों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर गिरफ्तार किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन के स्तर पर भी वार्ता की जा सकती है।

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