हल्द्वानी। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व पार्क की पाखरो रेंज में टाइगर सफारी मामले में हुई धांधली के आरोपी रेंजर बृजबिहारी शर्मा को कोर्ट में पेशी के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। हल्द्वानी विजिलेंस की पूछताछ और छानबीन में बृजबिहारी शर्मा और सेवानिवृत्त डीएफओ किशन चंद के कई अन्य घोटालों में भी शामिल होने की बात सामने आई है जिनके बारे में विजिलेंस छानबीन कर रही है। हल्द्वानी विजिलेंस ने बृजबिहारी शर्मा को गुवाहाटी (असम) स्थित कामाख्या मंदिर से 13 सितंबर 2022 को गिरफ्तार किया था। बृजबिहारी के ऋषिकेश स्थित घर पर होने की सूचना पर जब विजिलेंस टीम ने दबिश दी तब तक वह फरार हो चुका था। खुफिया सूत्रों की सूचना पर हल्द्वानी विजिलेंस के सीओ अनिल मनराल, इंस्पेक्टर विनोद यादव और एसआई कैलाश चंद्र की टीम ने मेघालय और असम पुलिस की मदद से आरोपी को गिरफ्तारी किया था।
इसके बाद वहां की अदालत से ट्रांजिट रिमांड लेकर विजिलेंस टीम उसे हल्द्वानी ले आई थी। कई घंटे तक चली पूछताछ के बाद कोर्ट के आदेश पर बृजबिहारी शर्मा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। एसपी विजिलेंस का कहना है कि मुख्य आरोपी किशन चंद ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट से स्टे लिया था। अब उसकी गिरफ्तारी के लिए स्टे बैकेट कराने की तैयारी की जा रही है। विजिलेंस इसके लिए कोर्ट में साक्ष्य पेश करेगी।
प्रशासनिक भवन और मार्ग निर्माण में बिना अनुमति खर्च कर दिए लाखों
विजिलेंस की छानबीन के दौरान कई बातें सामने आई हैं। टाइगर रिजर्व पार्क में तो किशन चंद और बृजवासी ने बिना अनुमति के सरकारी रकम खर्च की ही थी इसके अलावा सोननदी और पाखरो रेंज में भी कई ऐसे काम कराए हैं जिनके खर्च के लिए विभागीय अनुमति नहीं थी। जानकारी के मुताबिक, बिना अनुमति के प्रशासनिक भवन निर्माण के लिए करीब 18 लाख और लगभग चार-पांच किमी के दायरे में बिजली के पोल लगाने और आंतरिक और बाह्य मार्गों के सर्वे व निर्माण के लिए लगभग 90 लाख की धनराशि भी स्वीकृत कर दी है जबकि इसकी अनुमति शासन से नहीं दी थी।
एफएसआई की रिपोर्ट का विश्लेषण करेगी विजिलेंस
फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया (एफएसआई) की रिपोर्ट के मुताबिक, पाखरो रेंज में 163 पेड़ काटने की अनुमति दी गई थी। इसकी आड़ में बड़ी संख्या में पेड़ काट दिए गए। वहीं विजिलेंस टीम बृहद स्तर पर रिपोर्ट का विश्लेषण करने की बात कह रही है ताकि मामले से जुड़ी अन्य जानकारियां सामने आ सकें। सूत्रों के मुताबिक जांच में यह भी सामने आया है कि जंगलों को बढ़ावा देने और उनके लिए खर्च होने वाली मद (कैंपा फंड) का भी गलत तरीके से इस्तेमाल हुआ है। हल्द्वानी विजिलेंस तथ्य जुटाने में लगी है। बृजबिहारी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। पूछताछ और छानबीन के दौरान कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं जिनके आधार पर छानबीन आगे बढ़ रही है। वहीं अब किशन चंद की गिरफ्तारी के लिए स्टे बैकेट के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। इसके लिए जल्द ही कोर्ट में साक्ष्य पेश किए जाएंगे। – धीरज गुंज्याल, एसपी विजिलेंस।
रेंजर बृज बिहारी शर्मा को जेल, किशन चंद की स्टे बैकेट की तैयारी
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