पंतनगर। पूर्व में देश में भुखमरी थी और अनाज बाहरी देशों से मंगाया जाता था लेकिन वर्तमान में हमारा देश अन्य देशों को अनाज मुहैया करा रहा है। इस बदलाव में देश के कृषि वैज्ञानिकों की अहम भूमिका रही है। अब किसानों की आय दोगुनी करने के लिए वैज्ञानिकों, छात्रों व कृषि विज्ञान केंद्रों को नई सोच व नई पद्धति के साथ शोध करने की जरूरत है। यह बात किसान मेले के दूसरे दिन के बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कही। गांधी हॉल में आयोजित कार्यक्रम में महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी ने कहा कि किसी कार्य को बोलना सरल होता है लेकिन करना कठिन। उन्होंने देश के वैज्ञानिकों को ऋषि की उपमा दी। कहा कि प्रधानमंत्री एक राष्ट्र, एक उर्वरक योजना के तहत किसानों को अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो, इसके लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने वैज्ञानिकों, छात्रों व किसानों को साथ मिलकर विचार-विमर्श व योजना बनाकर कार्य करने की बात कही। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि आज से अपने नए शोधों व तकनीकों को उत्तराखंड के अंतिम किसान तक पहुंचाने का संकल्प लें ताकि पर्वतीय क्षेत्र का विकास हो सके।
कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने कहा कि मानव संसाधनों को विकसित कर नए शोध व तकनीकों को किसानों तक पहुंचाना ही विवि का उद्देश्य है। विवि से 5300 विद्यार्थी विश्व में उच्च पदों पर आसीन है। विवि की ओर से 200 से अधिक तकनीकें विकसित की गई हैं और देश में पंतनगर के बीजों की मांग अधिक है। उन्होंने बताया कि मेले के दो दिनों में लगभग 10,000 किसान भ्रमण कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के अधिक रसायनों का उपयोग करने से मिट्टी की गुणवत्ता नष्ट हो रही है जिससे पैदावार में गिरावट आ रही है। उन्होंने पशुपालन में बद्री गाय के दुग्ध को अमृत रूपी बताते हुए कहा कि इस नस्ल को बढ़ाने के लिए विवि के वैज्ञानिक प्रयासरत हैं। इस दौरान अतिथियों ने विभिन्न कृषि साहित्यों का विमोचन भी किया। वहां रुद्रपुर विधायक शिव अरोरा, कपकोट विधायक सुरेश सिंह गढ़िया, पूर्व विधायक राजेश शुक्ला, भाजपा जिलाध्यक्ष विवेक सक्सेना व बाल संरक्षण आयोग की सदस्य सुमन राय, निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. अनिल कुमार शर्मा, निदेशक शोध डॉ. एएस नैन सहित बड़ी संख्या में अधिष्ठाता, निदेशक, किसान, विद्यार्थी, वैज्ञानिक, शिक्षक, अधिकारी व अन्य आगंतुक मौजूद थे।
किसान मेले में विवि के बीजों की बिक्री जारी
पंतनगर। परिसर में चल रहे किसान मेले में विवि के विभिन्न केंद्रों के स्टॉलों से रबी की विभिन्न फसलों के बीजों की भारी मात्रा में बिक्री हो रही है। मेले के दूसरे दिन दोपहर तक प्रजनक बीज उत्पादन केंद्र, फसल अनुसंधान केंद्र तथा एटिक के स्टॉल से लगभग 28 लाख रुपये के विभिन्न रबी फसलों के बीजों की बिक्री की गई थी। इसके अलावा उद्यान विज्ञान अनुसंधान केंद्र, सब्जी अनुसंधान केंद्र, कृषि वानिकी अनुसंधान केंद्र, औषधीय एवं सगंध पौध अनुसंधान केंद्र एवं पुष्प उत्पादन केंद्र के स्टॉलों से लगभग दो लाख रुपये के बीज व पौधों की बिक्री की गई। प्रकाशन निदेशालय व एटिक के स्टॉलों से लगभग 12 हजार रुपये के प्रकाशनों की बिक्री की गई। इनके अलावा मेले में लगे निजी क्षेत्र के विभिन्न स्टॉलों की ओर से भी विभिन्न प्रकार के बीजों और अन्य सामान की बिक्री की जा रही है। मेले के दूसरे दिन दोपहर तक लगभग पांच हजार किसानों ने अपना पंजीकरण कराया।
नई सोच और पद्धति के साथ करें शोध : कोश्यारी
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