बागेश्वर। राइंका खुुनौली का भवन पुराना और जर्जर हो गया है। विद्यालय के अधिकांश कक्षा-कक्ष की दीवारों पर दरारें पड़ गई हैं। बारिश के दिनों में छत से पानी टपकने से भीतर पानी भर जाता है। अभिभावकों ने विभाग से जल्द विद्यालय के भवन की मरम्मत कराने की मांग की है। राइंका खुनौली को वर्ष 2004 में इंटरमीडिएट की मान्यता मिली थी। वर्ष 2006 में यहां नए कक्षों का निर्माण किया गया। विद्यालय में सात कमरे हैं, जिनमें चार बदहाल हो गए हैं। रसायन विज्ञान की प्रयोगशाला में 2021 के मानसून काल में पेड़ गिर गया था। तब से प्रयोगशाला की दीवारें और छत भी जर्जर हो गई हैं।
स्कूल में वर्तमान में 194 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। भवन के बदहाल होने से अक्सर बारिश के दिनों में पढ़ाई बाधित होती है। वहीं, कक्षा-कक्षों में बैठने में खतरा भी बना रहता है। ग्राम प्रधान भतौड़ा अरुण कुमार, अभिभावक संघ के अध्यक्ष जगदीश राम और प्रधान खुनौली नवीन कांडपाल ने कहा कि शिक्षा विभाग को कई बार स्थिति की जानकारी दी गई है, लेकिन अब तक कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। ग्रामीणों ने जल्द भवन की मरम्मत और नए कक्षा-कक्षों का निर्माण कराने की मांग की। इधर, मुख्य शिक्षाधिकारी (सीईओ) जीएस सौन ने कहा कि जिले से क्षतिग्रस्त और जर्जर भवनों की मरम्मत का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।
जर्जर हो चके कक्षा-कक्षों में बैठने को मजबूर राइंका खुनौली के विद्यार्थी
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