Thursday, November 14, 2024
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राइस मिल पाटर्नरों के बीच हुए विवाद में पालिकाध्यक्ष समेत दस पर केस दर्ज

सितारगंज। राइस मिल में पाटर्नरों के बीच हुए विवाद के मामले में पुलिस ने नगरपालिका अध्यक्ष हरीश दुबे, विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे नवतेज पाल, पूर्व ब्लॉक प्रमुख बहादुर सिंह, बीडीसी सदस्य मृदुल त्रिपाठी, प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल महामंत्री मनीष किनरा समेत 10 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। वार्ड संख्या सात सितारगंज निवासी सचिन अरोरा ने पुलिस को सौंपी तहरीर में कहा है कि रमेश अरोरा एवं ममता अरोरा के साथ मिलकर मैसर्स जगदंबा एग्रो सीड्स मझोला, खटीमा के साथ पार्टनरशिप फर्म बनाकर राइस मिल खोली गई थी। फर्म पार्टनरशिप विवाद के बाद वर्ष 2018 में समझौतानामा तैयार किया गया। इसके बाद जगदंबा एग्रो सीड्स राइस मिल के समस्त कार्यों से वह अलग हो गया। आरोप लगाया कि पार्टनर ने उनकी बकाया रकम वापस नहीं दी। इसके बाद उसने पार्टनरशिप फर्म के बैंक खाता के संचालन के लेन-देन पर रोक लगवा दी। सचिन ने आरोप लगाया कि उसके पार्टनर्स ने 26 जून 2021 को उसे अपने घर पर बुलाकर धमकाया। इसमें हरीश दुबे, नवतेज पाल, पूर्व ब्लाक प्रमुख बहादुर सिंह, शाकिर पठान उर्फ बब्बू, मृदुल त्रिपाठी, मनीष किनरा एवं पारस अरोरा निवासी सितारगंज ने पार्टनरशिप फर्म खाता पुन: चालू कराने का दबाव बनाने के लिए एकराय होकर गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी।
पीड़ित ने बताया कि 27 जून 2021 को अज्ञात व्यक्तियों ने उसके घर में फायर किया था। सचिन ने कहा कि उसने दबाव में आकर 28 जून 2021 को फर्म का खाता पुन: चालू करवाया। फर्म का खाता चालू होने के बाद पार्टनरों ने बैंक खाते से लगभग ढाई करोड़ रुपये निकाल लिए। सचिन ने आरोप लगाया कि यूसीएफ से वर्ष 2020-21 में धान लेकर कुटाई के बाद चावल यूसीएफ को देना था लेकिन पार्टनरों ने यूसीएफ को चावल वापस नहीं किया। यूसीएफ ने भी कानूनी कार्रवाई की धमकी दी है। सचिन के अनुसार एचडीएफसी बैंक की पीलीभीत शाखा में खाता खुला हुआ था। उसने 11 दिसंबर 2020 को अपनी पार्टनरशिप फर्म के बैंक खाते के संचालन पर रोक लगाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। बैंक ने खाते से लेनदेन पर रोक लगा दी थी। इसके बाद भी तत्कालीन बैंक कर्मचारियों ने साजिश करते हुए पैसा निकाल दिया। आरोप लगाया है कि यूसीएफ एवं बैंक के साथ मिलकर धोखाधड़ी की है। रमेश अरोरा से मेरा कोई परिचय नहीं है। सचिन अरोरा के भाई नितिन अरोरा को जानता हूं। नितिन अरोरा के कहने पर ही मैं उसके साथ पंचायत में गया था। पंचायत में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था जैसा कि तहरीर में आरोप लगाया गया है। यह केस राजनीतिक दबाव में दर्ज कराया गया है। मुझे कानून पर पूरा यकीन है कि बिना किसी राजनीतिक दबाव के इसकी जांच की जाएगी तो सच्चाई सामने आ जाएगी। – हरीश दुबे, पालिकाध्यक्ष सितारगंज

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