जिले के अशासकीय विद्यालयों में भी शिक्षा व्यवस्था सुधारने की जरूरत है। जिले के 33 अशासकीय स्कूलों में शिक्षकों के कई पद लंबे समय से खाली हैं। विद्यालयों में गणित, विज्ञान, अंग्रेजी आदि महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक न होने के कारण छात्रों के पठन-पाठन पर विपरीत असर पड़ रहा है।
जिले में 33 अशासकीय इंटर में से एक अल्मोड़ा इंटर कॉलेज का भवन जर्जर हालत में है। वर्ष 1941 में संचालित इस स्कूल में वर्तमान में 200 विद्यार्थी जर्जर स्कूल भवन में पढ़ने के लिए मजबूर हैं। स्कूल में विज्ञान, गणित, अंग्रेजी, हिंदी भाषा, कला, संगीत, सामान्य भाषा विषय के प्रवक्ताओं के पद भी लंबे समय से खाली हैं। इससे इस विषय पर छात्रों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है।
अल्मोड़ा इंटर कॉलेज (एआईसी) स्कूल का भवन और प्रांगण के कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त होने से विद्यालय भवन को खतरा हो गया है। ऐसी स्थिति मेें भी विद्यार्थी स्कूल तो आ रहे हैं लेकिन शिक्षक न होने से पढ़ाई प्रभावित हो रही है। स्कूल में एलटी प्रवक्ताओं के 11 पद स्वीकृत हैं जिनमें से सात पद खाली हैं। वहां कार्यरत शिक्षकों का कहना है कि कोर्स को समय पर पूरा करना चुनौती बन रहा है। स्कूल में कई होटलों और बाजार का गंदा पानी आ रहा है। इससे स्कूल भवन को नुकसान हो रहा है। आपदा के समय क्षतिग्रस्त स्कूल भवन का निर्माण कार्य भी शुरू नहीं हुआ है। इससे स्कूल में आने वाले छात्रों और शिक्षकों को खतरा बना है। – विजय रावत प्रधानाचार्य, अल्मोड़ा इंटर कॉलेज।
स्कूल में शिक्षक न भवन की हालत सही, बदहाल स्थिति में बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा असर
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