मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के राजपुर स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी पार्क के सौंदर्यीकरण कार्य का एक बार शिलान्यास और दो बार उद्घाटन हो चुका है, लेकिन मौके पर काम अब भी अधूरा है, जबकि करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये का बजट खर्च हो चुका है। ऐसे में पार्क जीर्णोद्धार को बनाई गई योजना में कार्य की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
एक बार शिलान्यास, दो बार हुआ उद्घाटन
एमडीडीए ने 2017 में इस पार्क के सौंदर्यीकरण की कवायद शुरू की। इसके बाद दिल्ली की एक कंपनी के साथ दिसंबर 2020 में एमओयू साइन हुआ। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने योजना का शुभारंभ किया था। सात माह के भीतर काम पूरा होना था, लेकिन काम समय से पूरा नहीं हुआ। इसके बाद आधे अधूरे कार्य का विधानसभा चुनाव से पूर्व सीएम पुष्कर सिंह धामी से लोकार्पण करवाया गया। 20 अक्तूबर को शहरी विकास मंत्री से एक बार फिर पार्क में लाइट एंड साउंड शो का उद्घाटन करवाया गया। कुल मिलाकर एक बार शिलान्यास और दो बार उद्घाटन चुका। बावजूद काम अधूरा पड़ा है।
आखिर क्यों बढ़ाया बजट
सौंदर्यीकरण कार्य का बजट पहले 4 करोड़ 60 लाख रुपये निर्धारित था। कुछ माह पूर्व एक करोड़ रुपये की इसमें बढ़ोतरी की गई। करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये खर्च हो चुका, लेकिन धरातल पर काम कुछ खास नजर नहीं आ रहा। अब शेष ढाई करोड़ रुपये के बजट को भी यहीं खपाने की तैयारी है। वहीं, एनआईवीएच के पास 15 लाख की लागत से बनी उद्यान वाटिका में फूल सूख चुके हैं। पार्क का काम देख रहे एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली की जिस कंपनी ने काम लिया था। उसने दूसरे ठेकेदार को काम सौंप दिया। फिर लेनदेन को लेकर हुए विवाद से काम अटकता रहा। एमडीडीए की उपाध्यक्ष सोनिका ने बताया कि,एमडीडीए पार्क और उद्यान वाटिका के संबंध में संबंधित अफसरों से विस्तृत जानकारी मांगी गई है। यदि निर्माण कार्य की गुणवत्ता खराब पाई गई तो संबंधित कार्यदायी संस्थाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। शेष कार्य जल्द पूरा करवाएंगे। साथ ही शिलापट्ट भी लगवाए जाएंगे।
एक बार शिलान्यास, दो बार उद्घाटन, 3 करोड़ खर्च करने के बाद भी काम अधूरा
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