नैनीताल। मंगलवार शाम आसमान में घने बादल छाने से चंद्रग्रहण का दीदार नहीं हो सका। इससे जहां एक ओर चंद्रग्रहण देखने पहुंचे लोगों को निराशा हाथ लगी वहीं दूसरी ओर आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान एवं शोध संस्थान की तैयारियां भी धरी रह गईं। चंद्रग्रहण देखने को लेकर लोगों में खासा उत्साह था। एरीज में भी चंद्रग्रहण के लाइव प्रसारण की तैयारियों की गई थीं। इसके लिए अलग-अलग क्षमता की दूरबीनें लगाई गईं थीं, लेकिन शाम से ही यहां आसमान में घने बादल छाने लगे थे। घने बादलों के चलते चंद्रग्रहण के दीदार की उम्मीदों पर बादलों का ग्रहण लग गया।
कई फोटोग्राफर चंद्रग्रहण की फोटो के लिए नगर की ऊंची पहाड़ियों पर नजर आए लेकिन उन्हें भी बैरंग लौटना पड़ा। वहीं तल्लीताल के समीप हनुमानगढ़ी से छह बजे के करीब बादलों के पीछे चांद की एक झलक देखने को मिली लेकिन ऐसा भी पल भर के लिए ही हुआ। चंद सेकेंड में चांद बादलों के बीच खो गया। आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान एवं शोध संस्थान के निदेशन डॉ. दीपांकर बैनर्जी ने बताया कि एरीज में चंद्रग्रहण के लाइव प्रसारण की व्यवस्था की गई थी, लेकिन बादलों के कारण चंद्रग्रहण नहीं देखा जा सका।
बंद रहे मंदिरों के कपाट रहे बंद
हल्द्वानी। दीपावली के दूसरे दिन लगे सूर्यग्रहण के बाद मंगलवार को चंद्रग्रहण हुआ। सुबह सूतक काल शुरु होने से पूर्व मंदिरों के कपाट बंद रहे। दिन भर लोग खगोलीय घटना को लेकर उत्सुक दिखे। घरों में भी देव पूजन ग्रहण से पूर्व ही हो गया। इस दौरान अधिकांश लोगों नेव्रत रखा और हवन, दान आदि किया। शाम 6:20 मिनट पर ग्रहण हटने के बाद लोगों ने स्नान, ध्यान कर मंदिर के कपाट खोले और पूजन किया।
चंद्र ग्रहण के दीदार पर बादलों का ग्रहण
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