काशीपुर। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि नए जिलों के सृजन का राज्य के विकास से संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि विकास के लिए दिशा और सोच सही होनी चाहिए। जिला बनाने से विकास नहीं होता। नए जिले बनाने के लिए राज्य सरकार को बजट भी देखना होगा। गिरिताल रोड पर स्थित भाजपा नेता दीपक अग्रवाल और उदित अग्रवाल के आवास पर आयोजित राज्य स्थापना दिवस कार्यक्रम में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने पत्रकारों से कहा कि राज्य गठन के बाद प्रदेश में अभूतपूर्व विकास हुआ है। राज्य बनते समय यहां एक भी मेडिकल कॉलेज नहीं था। आज कई हैं। एम्स तक यहां बन गया है। तब प्रदेश में छह-सात सौ डॉक्टर थे लेकिन अब ढाई हजार से ज्यादा डॉक्टर हैं। राज्य के 99 प्रतिशत गांव सड़क से जुड़ चुके हैं। गुणवत्तायुक्त पेयजल पहाड़ों की चोटियों तक पहुंच चुका है।
उच्च शिक्षा में 93 प्रतिशत तक पद भरे जा चुके हैं। बच्चों की शिक्षा में भी उत्तराखंड का अलग स्थान है। शौचालयों की स्थिति बेहतर है। विकास निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। जो विकसित देश हैं वहां भी विकास की जरूरत है। जीरो टॉलरेंस के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस समय राज्य में जीरो टॉलरेंस वाली डबल इंजन सरकार है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की राजनीति में कुछ असामाजिक, अनैतिक, ब्लैकमेलर तत्व भी सक्रिय हैं। यह लोग उत्तराखंड की राजनीति को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं। भर्तियों में घोटाले के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनकी केंद्र सरकार से कोई बात नहीं हुई थी लेकिन उनका मानना है कि कोई भी सरकारी नौकरी हो, उसमें पारदर्शिता होनी चाहिए। न्याय की बात कर न्याय किया भी जाए। पात्रों को ही उचित स्थान दिया जाए। बैक डोर से भर्ती प्रक्रिया बंद की जानी चाहिए।
नए जिलों के सृजन का राज्य के विकास से संबंध नहीं: त्रिवेंद्र
RELATED ARTICLES