अल्मोड़ा। अल्मोड़ा जिले के एकमात्र स्टेडियम का मैदान प्रादेशिक या राष्ट्रीय खेलों के मानकों पर खरा नहीं उतरता है। जिला मुख्यालय स्थित हेमवती नंदन बहुगुणा (एचएनबी) स्टेडियम में एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं के लिए मात्र 200 मीटर का ट्रैक उपलब्ध है। नियमों के मुताबिक एथलेटिक्स स्पर्धाओं के लिए 400 मीटर के ट्रैक की जरूरत होती है। सूबे के खेल मंत्री के जिले में खेल मैदान की यह स्थिति कई सवाल खड़े करती है। साथ ही खेल प्रतिभाओं को बुनियादी सुविधाओं के अभाव में पलायन के लिए मजबूर कर रही है।
अल्मोड़ा स्टेडियम में खेल विभाग खिलाड़ियों को बाक्सिंग, बेसबाल, ताइक्वांडो, फुटबाल, बैडमिंटन, क्रिकेट, हॉकी, वालीबॉल, बास्केटबाल, एथलेटिक्स, टीटी, कराटे आदि खेलों का प्रशिक्षण देता है। स्टेडियम की लंबाई 110 मीटर और चौड़ाई 78 मीटर है। प्रदेश स्तरीय और राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं कराने को मानक के अनुसार मैदान की लंबाई 200 मीटर और चौड़ाई 120 मीटर होनी चाहिए। मैदान छोटा होने से यहां 200 मीटर का ही एथलेटिक्स ट्रैक बन पाता है जबकि मानक के अनुसार 400 मीटर का ट्रैक होना चाहिए। स्टेडियम में कई खिलाड़ी क्रिकेट का भी अभ्यास करते हैं, लेकिन क्रिकेट के लिए भी यह मैदान उपयुक्त नहीं है। क्रिकेट के लिए 140 गज लंबा और 140 गज चौड़ा मैदान होना चाहिए लेकिन इस मैदान में क्रिकेट की बाउंड्री 80-80 गज तक ही है। ऐसे में जिले में प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं का आयोजन कराना किसी चुनौती से कम नहीं है।
क्या कहते हैं खिलाड़ी और कोच
स्टेडियम में काफी संख्या में खिलाड़ी क्रिकेट खेलने आते हैं। यदि स्टेडियम की लंबाई और चौड़ाई मानकों के अनुसार होती तो खिलाड़ियों को सुविधाएं मिलती है। जिला मुख्यालय के स्टेडियम का ये हाल है तो दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में तो एक अदद खेल मैदान के लिए भी खिलाड़ी तरस जाते हैं। – विशाल कनवाल, क्रिकेट खिलाड़ी अल्मोड़ा
स्टेडियम कुछ स्थानों पर समतल नहीं है। इस वजह से अभ्यास के दौरान कई बार खिलाड़ी चोटिल भी हो जाते हैं। पीने के पानी की भी बेहतर व्यवस्था नहीं है। खिलाड़ियों को पर्याप्त सुविधाएं मिलनी चाहिए तभी प्रतिभाएं उभरकर सामने आएंगी। – कुनाल राणा, खिलाड़ी स्टेडिय अल्मोड़ा
हमारे पास कई खेल प्रतिभाएं हैं लेकिन स्टेडियम मानक के अनुसार न होने से खिलाड़ियों को राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं के लिए तैयार करने में दिक्कतें आती है। खेलों के लिए बजट की भी कमी बनी रहती है। – राजेंद्र सिंह राणा, क्रिकेट कोच
कोट
स्टेडियम में विभिन्न खेलों में करीब 250खिलाड़ी पंजीकृत है। खिलाड़ियों को फुटबाल, बैडमिंटन, क्रिकेट, हॉकी, वालीबॉल, बास्केटबाल, एथलेटिक्स समेत कई खेलों प्रशिक्षण दिया जाता है। खिलाड़ियों को किसी भी तरह की सुविधाएं नहीं होने दी जाती हैं। – अरुण बनग्याल, प्रभारी जिला क्रीड़ाधिकारी अल्मोड़ा
कोट
हेमवती नंदन बहुगुणा स्पोर्ट्स स्टेडियम के विस्तारीकरण में जगह की कमी आड़े आ रही है। जिस जगह स्टेडियम है वहां पर विस्तारीकरण के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। यदि खेल विभाग कहीं अन्य जगह चयनित करता है तो उसका प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जाएगा। – चंद्र सिंह मर्तोलिया, एडीएम अल्मोड़ा
खेल मंत्री के गृह जनपद में नहीं है मानकों का मैदान
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