नैनीताल। हाईकोर्ट ने 2019 में हज यात्रियों की देखरेख में हज कमेटी की ओर से की गई अनियमितता और अयोग्य कर्मचारी भेजे जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई की। कोर्ट ने हज कमेटी पिरान कलियर, वक्फ बोर्ड देहरादून और वक्फ इंस्पेक्टर मोहम्मद अली को नोटिस जारी कर 17 अप्रैल 2023 तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ के समक्ष हुई। हरिद्वार निवासी तौसीफ ने जनहित याचिका में कहा है कि हज कमेटी की ओर से हज यात्रियों की देखरेख के लिए प्रत्येक हवाई जहाज में एक सरकारी कर्मचारी को भेजा जाता है। उसका खर्च सरकार खुद वहन करती है। 2019 में भी कमेटी ने एक तदर्थ नियुक्त कर्मचारी को हज यात्रियों की देखरेख के लिए भेजा था लेकिन नियुक्त कर्मचारी अयोग्य था। याचिका में कहा कि कमेटी ने हज जाने के लिए 1 जनवरी 2019 को नोटिफिकेशन निकाला, लेकिन यात्रा पर जाने की अनुमति 28 दिसंबर 2018 को ही दे गई। याचिका में कहा कि कमेटी ने सरकारी धन का दुरुपयोग किया।
हज कमेटी की अनियमितता पर वक्फ बोर्ड को नोटिस
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