बीटेक पास बेटी ने अपनी बरात आने से पहले घुड़चढ़ी की रस्म निभाकर नई परंपरा की शुरुआत की तो राह चलते लोगों के कदम ठिठक गए। कॉलोनी वाले गदगद नजर आए और ससुराल के लोगों ने भी शाबाशी दी। मुजफ्फरनगर के देहाती परिवेश में पली-बढ़ी इकलौती बिटिया के पिता भी सीना चौड़ा कर बोले ‘म्हारी छोरी क्या छोरों से कम हैं। मुजफ्फरनगर के खतौली निवासी किसान विनय चौधरी की इकलौती बेटी सिमरन चौधरी ने आईटी से बीटेक किया है। वह दुबई की एक कंपनी में नौकरी करती है। उसका रिश्ता काशीपुर निवासी दुष्यंत से तय हुआ। दुष्यंत के पिता केपी सिंह मूलत: मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं और 25 वर्षों से काशीपुर में रह रहे हैं।
वह मुरादाबाद रोड स्थित प्रकाश पाइप फैक्टरी में वाइस प्रेसीडेंट हैं। दुष्यंत नागपुर में रिलायंस कंपनी में एरिया मैनेजर है। दुष्यंत के जीजा दिव्य सिरोही ने जीवन साथी डॉट कॉम पर अपने साले की शादी के लिए इश्तेहार दिया था। इसके जरिये ही रिश्ते के बाद पक्की हुई। सिमरन चौधरी कुछ दिन पहले ही दुबई से लौटी। 28 नवंबर को उसकी बरात आनी थी। परिवार में कोई बेटा न होने के कारण विनय के परिजन बेटी के जरिये विवाह के सारे अरमान पूरे करना चाहते थे। फूफा प्रदीप धामी ने बताया कि परिवार के लोगों ने सिमरन के सामने उसकी घुड़चढ़ी कराने का प्रस्ताव रखा तो उसने हां कर दी। पूरी कॉलोनी को साथ लेकर परिवार ने करीब घंटे भर तक सड़कों पर बिटिया की घुड़चढ़ी का जश्न मनाया। इस दौरान सिमरन के माता-पिता और रिश्तेदार जमकर झूमे। कॉलोनी के लोगों ने बिटिया को आशीर्वाद दिया औैर इस काम के लिए उसे शाबाशी देकर हौसला बढ़ाया। इस अनूठी परंपरा पर सिमरन की मां पूनम, दादा जगत सिंह और दादी सुभद्रा ने भी खुशी जताई है। दूल्हा दुष्यंत के पिता केपी सिंह का कहना है कि उन्होंने दोनों बेटियों की शादी कर दी है, अब सिमरन को बेटी बनाकर लाए हैं।
दुल्हन ने तोड़ी सदियों पुरानी परंपरा, पिता ने कहा- ‘म्हारी छोरी क्या छोरों से कम हैं
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