रुद्रपुर। इंटरार्क कंपनी में अवैध गेटबंदी, वेतन वृद्धि आदि के मामले में लंबे समय से चल रहा आंदोलन थमने जा रहा है। कई बार जनसभा और सुनवाई के बाद हुई वार्ता में दोनों पक्षों के बीच सहमति बन गई है। कलक्ट्रेट में श्रम विभाग और जिला प्रशासन की उपस्थिति में हुई सुनवाई के बाद अब 421 आंदोलित कर्मचारियों के 487 दिन बाद काम पर लौटने का रास्ता साफ हो गया है। कलक्ट्रेट स्थित एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में बृहस्पतिवार को सुबह 11 से शाम पांच बजे तक इंटरार्क कंपनी प्रबंधन और श्रमिकों की जिला प्रशासन की मौजूदगी में हंगामेदार बैठक हुई। सहायक श्रम आयुक्त प्रशांत कुमार ने बताया कि दोनों पक्षों में सहमति बन गई है। श्रमिक संगठन अध्यक्ष दलजीत सिंह ने बताया कि निलंबित चल रहे 30 श्रमिकों को माफीनामा के आधार पर कंपनी में वापस लिया जाएगा।
इसके अलावा 34 कर्मचारियों को तीन माह के लिए आउट ड्यूटी पर दूसरे शहरों में भेजा जाएगा। उसके बाद उन्हें कंपनी में प्रवेश दिया जाएगा। बचे हुए बर्खास्त कर्मचारियों को कोर्ट के फैसले के आधार पर नियुक्त किया जा सकता है। इंक्रीमेंट के मामले में ग्रेड वाइज वेतन वृद्धि की जाएगी जिसे जनवरी से लागू कर दिया जाएगा। कर्मचारियों को एरियर छह माह बाद दिया जाएगा। ऐसे में कंपनी के कुल 421 श्रमिक काम पर लौटेंगे। इस मौके पर एडीएम जयभारत सिंह, एसपी सिटी मनोज कत्याल, सिडकुल आरएम मनीष बिष्ट, भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष करम सिंह पड्डा, बलजिंदर सिंह मान, इंटरार्क के एचआर हेड बीबी श्रीधर, प्लांट हेड मनोज रोहेला, पान मोहम्मद, राकेश, हृदयेश, लक्ष्मण आदि मौजूद थे।
इंटरार्क के आंदोलित 421 कर्मचारी 487 दिन बाद काम पर लौटेंगे
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