काशीपुर। आईआईएम काशीपुर की इंक्यूवेटर सीड फंड मैनेजमेंट कमेटी (आईएसएमसी) ने देश के चार स्टार्टअप को पचास लाख रुपये के फंड के लिए चुना है। यह स्टार्टअप शिक्षा, परिवहन, बाल मन, कृषि के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। भारत सरकार ने उभरते स्टार्टअप की फंड संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना शुरू की है। योजना के तहत आइडिया अच्छा होने के बाद बावजूद पैसे की कमी वाले स्टार्टअप को केंद्र की ओर से फंड दिया जा रहा है। यह राशि अधिकतम पचास लाख रुपये तक हो सकती है। आईआईएम काशीपुर भी इस योजना के तहत स्टार्टअप को फंड दिलाने में मदद कर रहा है। ऑनलाइन माध्यम से बुधवार को आईएसएमसी के अध्यक्ष प्रो. कुणाल, डॉ. आनंद गोविंद लॉरी, एडवोकेट समीर रस्तोगी, प्रो. आशीष कुमार, प्रो. प्रीति नरवाल, प्रो. स्नेहा दोहरे, प्रो. प्रवीण सिन्हा के समक्ष देशभर के 29 स्टार्टअप ने प्रेजेंटेशन दिया। घंटों चली प्रक्रिया के बाद चार स्टार्टअप का चयन फंड के लिए किया गया।
बच्चे के सांस लेते ही पता चल जाएगा दिमागी विकास का
आईएसएमसी के चेयरपर्सन प्रो. कुणाल ने बताया कि शिक्षा संबंधी स्टार्टअप बच्चों को खेल-खेल में शिक्षित करता है। दूसरा स्टार्टअप कृषि के क्षेत्र में काम कर रहा है जिसने जैविक खाद बनाई है। तीसरा स्टार्टअप ने ऐसी डिवाइस बनाई है जो ट्रक में सामान लादने में मदद करती है। चौथा स्टार्टअप बच्चों के दिमाग की ग्रोथ रेट बताएगा। बच्चे की सांस की जांच करने के बाद यह यंत्र बता देगा कि उसके दिमाग का विकास ठीक से हो रहा है या नहीं।
चार स्टार्टअप का 50 लाख के फंड के लिए चयन
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