पंतनगर। क्षेत्र के आनंदपुर गांव में हुई बैठक में किसानों ने गन्ना भुगतान न होने पर नाराजगी जताई। उन्होंने जल्द भुगतान न होने पर प्रदेश की चीनी मिलों को गन्ने की आपूर्ति बंद करने की चेतावनी दी। उन्होंने गन्ने का मूल्य चार सौ रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग की। किसानों ने कहा कि उत्तराखंड की आठ सरकारी और प्राइवेट चीनी मिलों में दो महीनों में करीब एक करोड़ तीस लाख क्विंटल गन्ने की पेराई हो चुकी है। इसका करीब चार अरब इकसठ करोड़ पचास लाख रुपये का भुगतान किसानों को होना है। अकेले किच्छा चीनी मिल को करीब चवालीस करोड़ रुपये का भुगतान करना है। किसानों को गेहूं बुवाई के साथ ही बच्चों की फीस और बकाया कर्ज भी चुकाना है। उन्होंने कहा कि किसानों को बकाया भुगतान जल्द करना चाहिए। वहां कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. गणेश उपाध्याय, पूर्व प्रधान नरेंद्र सिंह, नारायणपुर सोसायटी के अध्यक्ष राम प्रवेश राय, महिपाल सिंह बोरा, मुन्ना लाल गुप्ता, सरदार बहादुर सिंह, शिवजी गुप्ता, उमेंद्र नाथ तिवारी, स्वतंत्रता सेनानी संगठन के उपाध्यक्ष संतोष सिंह, नारायण कुमार आदि किसान मौजूद थे।
गन्ना सट्टा पर्ची न मिलने से किसान नाराज
बाजपुर। गन्ना सट्टा पर्ची न देने से गुस्साए किसानों ने हंगामा किया। किसानों ने दो दिन के भीतर गन्ना सट्टा पर्ची न मिलने पर गन्ना समिति दफ्तर के गेट पर प्रदर्शन की चेतावनी दी। भाजपा के सुल्तानपुर पट्टी मंडल अध्यक्ष राकेश गुप्ता के साथ कुछ किसान सोमवार को गन्ना समिति दफ्तर में पहुंचे। किसानों ने गन्ना ज्येष्ठ निरीक्षक इब्राहीम से मुलाकात कर विरोध जताया। किसानों ने कहा कि समिति कर्मचारी गन्ना सट्टे से पर्ची नहीं दे रहे हैं। राकेश गुप्ता ने बताया कि एनएच घोटाला प्रकरण बताकर किसानों की खतौनियो को जमा कर रखा है। अन्य चीनी मिलों में किसानों को सट्टे की पर्ची मिल रही है लेकिन कर्मचारी किसानों को गुमराह कर रहे हैं। गुप्ता ने कहा कि दो दिन में किसानों को सट्टा पर्ची नहीं मिलती है तो वे किसानों के साथ गन्ना समिति दफ्तर के गेट पर धरना देंगे। वहां विजय पाल, मोहन लाल, रमेश, रामेश्वर, आजाद, सूरज पाल, राधे, इंद्रपाल, मित्रपाल आदि थे।
गन्ना सट्टा पर्ची नहीं मिलने से किसान नाराज
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