हल्द्वानी। हीरानगर स्थित पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच से जल्द रिसीवर हटाया जाएगा। राजनीतिक और सामाजिक दबाव में यह फैसला लिया जा रहा है। विधायक बंशीधर भगत ने उत्थान मंच पदाधिकारियों को भी रिसीवर हटाने का आश्वासन दिया। इस पर महारैली स्थगित कर दी गई। साथ ही यह भी दोहराया गया कि दूसरे पक्ष की गिरफ्तारी और ढांचा हटाए जाने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। उत्थान मंच की की ओर से सोमवार को उत्थान मंच से एसडीएम कोर्ट तक महारैली निकालने की तैयारी थी। प्रकरण और मांगों की जानकारी देेने के लिए कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत समेत कई पूर्व विधायकों को भी बुलाया था। इस दौरान हुई सभा में जोहार वेलफेयर सोसायटी अध्यक्ष भूपेंद्र पांगती ने कहा कि मंच ने पर्वतीय संस्कृति का संरक्षण किया। पूर्व विधायक नवीन दुम्का ने हर संघर्ष में साथ देने की बात कही। पूर्व विधायक नारायण पाल ने कहा कि अब जरा सा विवाद होने पर रिसीवर नियुक्त करने की परिपाटी चल पड़ी है जो सही नहीं है। उन्होंने अवैध ढांचा हटाने और अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
हरेंद्र बोरा ने चेताया कि पर्वतीय समाज को हल्के में न लिया जाए। प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष नवीन वर्मा और संध्या डालाकोटी ने पर्वतीय समाज को बचाने की जरूरत पर जोर देते हुए रिसीवर हटाने की मांग की। सतीश नैनवाल ने कहा कि पर्वतीय संस्कृति को दिखाने के लिए एक मंच मिला है उसे भी खराब नजरों से देखा जा रहा है। मीमांशा आर्या ने कहा कि यह पहाड़ की लड़ाई है। मंच के संस्थापक सदस्य हुकुम सिंह कुंवर ने कहा कि हम अपनी संस्कृति के लिए एकजुट हैं। बैठक में पहुंचे भगत ने लोगों को आश्वस्त किया कि रिसीवर को हटा दिया जाएगा। इसके बाद उत्थान मंच ने रैली स्थगित करने का फैसला लिया। इसके बाद उत्थान मंच के पदाधिकारियों ने मंदिर परिसर मेंआभार रैली निकाली जो मंच से गोलज्यू मंदिर तक गई। बैठक की अध्यक्षता मंच के अध्यक्ष डॉ चंद्रशेखर तिवारी ने की। मंच ने आंदोलन जारी रखने का संकल्प भी लिया।
बैठक में ये मौजूद रहे
हल्द्वानी। सभा में लक्ष्मण सिंह लमगड़िया, सतीश नैनवाल, पूर्व चेयरमैन हेमंत बगड़वाल, हेमंत पाठक ,महेश शर्मा ,राहुल छिमवाल, भूपेंद्र सिंह ,कैलाश जोशी, छात्रसंघ अध्यक्ष रश्मि लमगड़िया, कमल जोशी, ललित जोशी, संध्या डालाकोटी, आनंद सिंह बिष्ट, बहादुर सिंह जग्गी, एनवी गुणवंत ,अनिल डब्बू, शोभा बिष्ट, अर्जुन बिष्ट, भोला भट्ट, विद्या महतोलिया ने भी विचार रखे। जबकि पवन कार्की, भुवन जोशी, मुकेश चंद्र शर्मा, देवेंद्र तोलिया, गोपाल बिष्ट, एन बी गुणवंत, भुवन भास्कर, रमेश जोशी, देवेंद्र सिंह धर्मशक्तु , वीरेंद्र गुप्ता, चंद्रशेखर परगाई, कमल जोशी, त्रिलोक बनोली, शोभा बिष्ट, पुष्पा संभल ,ललित बिष्ट, लीलाधर पांडे, बिपिन बिष्ट, लक्ष्मण सिंह, भगवान सिंह, स्मित तिवारी ,सुशील भट्ट, रत्ना श्रीवास्तव, नेत्र बल्लभ, विनोद दानी, हर्षवर्धन पांडे मौजूद रहे।
एसडीएम को दिया ज्ञापन
हल्द्वानी। भगत के आश्वासन के बाद एसडीएम को बुलाया गया। मंच पदाधिकारियों ने सीएम को संबोधित ज्ञापन एसडीएम मनीष कुमार को सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि मंच की स्थापना 1980 में की थी और 1982 में सरकार की सहमति से हीरानगर में दो एकड़ भूमि मंच को दी गई थी। 2006 में फिर सरकार ने इस भूमि को पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच को 90 साल के लिए लीज पर दिया।
एसडीएम ने जांचे प्रपत्र, आज फिर बुलाया
हल्द्वानी। सोमवार को एसडीएम ने एक पक्ष से दो घंटे वार्ता की और उनके प्रपत्रों की जांच की। हैं। एसडीएम मनीष कुमार ने बताया कि सोसायटी की ओर से पूरे प्रपत्र पेश नहीं किए गए। उन्हें मंगलवार को प्रपत्र पेश करने के लिए कहा गया है। उनके प्रपत्र पेश करने के बाद दूसरे पक्ष को बुलाया जाएगा। इसके बाद पूरी रिपोर्ट डीएम के सामने रखी जाएगी।
उत्थान मंच पर कब्जा करना चाहते हैं भाजपा के लोग : सुमित हृदयेश
हल्द्वानी। विधायक सुमित हृदयेश ने जारी बयान में कहा कि स्वतंत्रता से चलने वाली सांस्कृतिक समितियों पर भाजपा कब्जा करने की कोशिश कर रही है। कुछ ऐसा ही पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच के साथ किया जा रहा हैं। पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच वर्षों से पहाड़ की कला और संस्कृति का संरक्षक बनकर काम कर रहा है। उस जगह पर भी भाजपा के लोग घात लगा कर कब्जा करना चाहते हैं। सुमित ने शासन-प्रशासन को चेतावनी दी कि ऐसी गलती न करें, वरना कब्जा करने वालों के खिलाफ जनांदोलन किया जाएगा। वहीं, कांग्रेस प्रदेश महासचिव महेश शर्मा ने कहा कि पर्वतीय संस्कृति के मंच में कुछ असामाजिक तत्वों ने एक समाज की भावनाओं पर चोट ही नहीं पहुंचाई है, बल्कि एक संस्था की भूमि पर धर्म के नाम पर कब्जा करने का प्रयास किया है। ऐसे लोगों पर गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए।
उत्थान मंच से जल्द हटेगा रिसीवर
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