हल्द्वानी। हौसला बुलंद हो तो समस्याएं आड़े नहीं आतीं, यह साबित कर दिखाया है तीन पानी निवासी चंद्रा जोशी ने। पैर में उठा मामूली सा दर्द उन्हें जिंदगी भर के लिए जख्म दे गया। अब तक उनके पैर और पेट के 13 ऑपरेशन हो चुके हैं। इसके बावजूद उन्होंने स्नातक किया और घर पर रहकर ब्यूटी पार्लर और बुनाई का काम शुरू किया। साथ ही संगीत सीखकर अब युवाओं को संगीत की शिक्षा दे रही हैं। चंद्रा की जिंदगी में परेशानियों का दौर तब शुरू हुआ जब वह छठी कक्षा में पढ़ती थीं। 2003 की बात है। अचानक चंद्रा के पैर की एड़ी में दर्द हुआ और उन्हें चलने में परेशानी महसूस हुई। जब घरवाले उन्हें इस समस्या पर अस्पताल लेकर पहुंचे तो पैर में फ्रैक्चर होने की बात सामने आई जिसके बाद उनके लगातार 12 ऑपरेशन हुए। इसके पैर तो ठीक नहीं हुआ लेकिन वह पेट की बीमारिया से ग्रसित हो गईं। पेट का ऑपरेशन किया गया। अब डॉक्टरों ने केवल पेय पदार्थों का ही सेवन करने की सलाह दी। इस वजह से 30 साल की चंद्रा का वजन केवल 25 किलो रह गया है। इलाज में लगातार पैसे खर्च होने पर चंद्रा के परिजनों की आर्थिक स्थिति भी डगमगा गई। इतनी मुश्किलों के बाद भी चंद्रा ने हारी नहीं मानी। उन्होंने घर पर पार्लर और बुनाई शुरू कर दी। इस बीच संगीत सीखा। चंद्रा अब संगीत संस्थान में छात्रों को हारमोनियम और ढोलक भी सिखाती हैं। संवाद
चंद्रा को है रोजगार की दरकार
जिंदगी में मुश्किलों का सामना कर चुकीं चंद्रा का कहना है कि उन्हें कोई भी काम छोटा या बड़ा नही लगता। इलाज के बाद से उन्हें और उनके परिवार को आर्थिक परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। ऐसे में रोजगार के लिए उन्हें अगर कोई भी अवसर मिलेगा तो वह पीछे नहीं हटेंगी।
मुश्किलों से भी नहीं डिगा चंद्रा का हौसला
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