अल्मोड़ा। अल्मोड़ा लोक कलाकार महा संगठन की बैठक मंगलवार को नगर पालिका सभागार में हुई। इस दौरान रंगकर्मियों ने समस्याओं के समाधान पर चर्चा की। कहा कि संस्कृति विभाग ने रंगकर्मियों और इससे जुड़ी संस्थाओं को दो साल से भुगतान नहीं किया है, जिससे वे आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। कहा कि अपनी संस्कृति को बचाने और सहेजने वालों के साथ यह अन्याय है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसलिए बुधवार को प्रदेश के कलाकार और सांस्कृतिक संगठन अल्मोड़ा के गांधी पार्क में जुटेंगे और सरकार के खिलाफ जनांदोलन की शुरुआत करेंगे।
बैठक में प्रदेश अध्यक्ष लोक कलाकार महासंघ गोपाल चम्याल ने कहा कि कलाकार समाज के अभिन्न अंग हैं लेकिन प्रदेश में उनकी अनदेखी हो रही है। पिछले दो साल से संस्कृति विभाग ने कलाकारों और सांस्कृतिक संस्थाओं को भुगतान नहीं किया है। ऐसे में वे नए कार्यक्रम पेश नहीं कर पा रहे हैं। जिला उपाध्यक्ष विनोद कुमार ने कहा कि सरकार कलाकारों को प्रोत्साहित करने की बात करती है लेकिन धरातल पर यह दावे बेअसर हैं।
लोकगायक दीवान कनवाल ने कहा कि 60 वर्ष से अधिक उम्र के कलाकारों को पेंशन नहीं मिली है। ऐसे में कलाकारों के लिए बनी नीति खोखली साबित हो रही है। देवेंद्र भट्ट ने संचालन किया। बैठक में महिला उपाध्यक्ष ममता वाणी, शीला पंत, सोनिया चौहान, महासचिव दयानंद कठैत, उपसचिव इंदर गोस्वामी, मनोज चम्याल, कोषाध्यक्ष कमलेश पांडे, एसएसजे छात्र अध्यक्ष पवन कार्की, छात्रा उपाध्यक्ष रुचि कुटौला, संयुक्त सचिव करिश्मा तिवारी, सांस्कृतिक सचिव नितिन रावत, नगर अध्यक्ष एनएसयूआई अमित बिष्ट, संदीप नयाल आदि शामिल रहे।
उत्तराखंड में हो रही है रंगकर्मियों व कलाकारों की उपेक्षा
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