बनभूलपुरा और इंदिरानगर की रेलवे भूमि पर अतिक्रमण मामले में भले ही सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगा दिया हो लेकिन पुलिस अभी फोर्स को वापस भेजने के लिए आदेश की कॉपी का इंतजार कर रही है। अतिक्रमण हटाने के लिए पुलिस ने भारी पुलिस बल की मांग राज्य और केंद्र सरकार से की थी। इसमें 14 कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स के साथ-साथ करीब चार दर्जन से भी ज्यादा राजपत्रित अधिकारी भी तैनात करने की अनुमति मांगी गई थी। पांच-सात कंपनी पीएसी पुलिस ने छात्रसंघ चुनाव के नाम पर शहर में बुला ली थी। इसके अलावा छह कंपनी आरएएफ भी दो जनवरी-2023 को शहर में पहुंच चुकी थी। शहर के एमबीपीजी कॉलेज, अंतरराष्ट्रीय व मिनी स्टेडियम समेत आईटीबीपी में फोर्स को ठहरवाने की व्यवस्था भी हो चुकी है। कई जगहों पर फोर्स रुकी हुई है। आठ जनवरी को फोर्स को शहर में पहुंचना था और उसके बाद दस जनवरी से प्रशासन और रेलवे के साथ मिलकर फोर्स की तैनाती कर अभियान शुरू होना था। एसएसपी पंकज भट्ट ने बताया कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश पत्र की प्रतिलिपि पढ़ने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
फोर्स के अलावा अन्य तैयारियां भी थीं पूरी
बाहर से फोर्स बुलाने के अलावा भी पुलिस की तैयारियां पूरी हो चुकी थीं। बनभूलपुरा में खुफिया तंत्र की निगरानी लगातार जारी थी। सोशल मीडिया सेल यूनिट की तैनाती हो चुकी थी। बिजली ठप होने पर सीसीटीवी कैमरों के संचालन की व्यवस्था से लेकर ड्रोन से निगरानी की तैयारी भी चल रही थी।
पल-पल बढ़ रही थीं पुलिस की चिंताएं
बीते नौ दिनों में बनभूलपुरा के शांतिपूर्ण आंदोलन और उनके अंदर पनप रहे आक्रोश को देख पुलिस की व्यवस्थाएं तो बढ़ रही थीं लेकिनचिंताएं भी कम नहीं थीं। बृहस्पतिवार को एक तरफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश के लिए लोगों का इंतजार बढ़ रहा था। वहीं, दूसरी तरफ नतीजों के बारे में विचार करते हुए पुलिस की चिंता थी। शायद यही वजह थी कि लाइन नंबर 17 तिराहे पर बृहस्पतिवार को जब दुआ पढ़ने का सिलसिला शुरु हुआ तो बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए। इस दौरान दो कंपनी महिला व पुरुष पीएसी के साथ-साथ बनभूलपुरा, कोतवाली, कालाढूंगी, भवाली, काठगोदाम व मुखानी थाने के प्रभारी भी फोर्स के साथ मौके पर मौजूद रहे थे।
टीवी चैनलों व सोशल मीडिया पर रहा ध्यान
सुप्रीम कोर्ट बनभूलपुरा में चल रहे आंदोलन और अतिक्रमण को लेकर क्या आदेश देगी इसे लेकर हर किसी के मन में उथल-पुथल मची हुई थी। वहीं बनभूलपुरा की हर दुकान, मकान यहां तक कि सड़क किनारे संचालित खोखे वालों का ध्यान भी टीवी, मोबाइल व रेडियो पर बना हुआ था। युवक-युवतियां व अन्य लोग सोशल मीडिया एप्स पर भी लगातार बनभूलपुरा मामले से जुड़ी जानकारियों परनजर बनाए हुए थे।
छावनी में तब्दली रहा बनभूलपुरा, SC का आदेश पढ़ने के बाद ही फोर्स को वापस बुलाएगी पुलिस
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