उत्तराखंड विधानसभा से बर्खास्त किए गए कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। कर्मचारी बहाली को लेकर विधानसभा के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। आरोप है कि वे विधानसभा अध्यक्ष के विशेष कार्याधिकारी के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सीओ नेहरू कॉलोनी अनिल कुमार जोशी ने बताया कि विधानसभा सचिवालय के प्रभारी सचिव हेमचंद्र पंत ने अपर मुख्य सचिव गृह से शिकायत की थी। उनका आरोप है कि विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारी विधानसभा के पास धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। आरोप है कि इस दौरान व्हॉट्सएप ग्रुप बनाकर उसमें विधानसभा अफसरों के खिलाफ अपशब्द प्रयोग किए जा रहे हैं। इसमें विशेष कार्याधिकारी के खिलाफ साजिश रचने का भी आरोप है। शासन के निर्देश पर यह शिकायत नेहरू कॉलोनी थाने पहुंची तो अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। सीओ ने बताया कि प्रकरण में जो भी तथ्य शिकायतकर्ता के पास हैं, वे लिए जा रहे हैं। इनके आधार पर आगे की जांच की जा रही है। जल्द ही आरोपियों के नामों का भी खुलासा किया जाएगा। इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को जांच के लिए भेजा जाएगा।
कर्मचारियों ने मौन उपवास रखकर जताया विरोध
विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों ने मौन उपवास रख कर प्रदर्शन किया। इन कर्मचारियों ने मुंह पर कपड़ा बांध विधानसभा अध्यक्ष व सरकार से न्याय की गुहार लगाई है। इसके साथ ही चेतावनी दी कि जल्द से जल्द न्याय नहीं मिला तो आमरण अनशन शुरू किया जाएगा। हाईकोर्ट के एकल बेंच में 25 फरवरी को बर्खास्त कर्मचारियों की याचिका पर सुनवाई होगी। रविवार को विधानसभा के बाहर धरने के 21वें दिन बर्खास्त कर्मचारियों ने आंदोलन जारी रखा। इन कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता है, तब तक धरना जारी रहेगा। हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति मनोज तिवारी की एकल बेंच में बर्खास्त कार्मिकों की सुनवाई की तारीख सात जनवरी तय थी। न्यायमूर्ति ने 25 फरवरी को सुनवाई की अगली तारीख दी है। विरोध प्रदर्शन के दौरान भूतपूर्व सैनिक नितिन गुसाईं, जीवन सिंह, केदार सिंह, कैलाश अधिकारी, अक्षत शर्मा, विजय सिंह, भूपेंद्र सिंह, गोविंद सिंह, तुषार सिंह समेत अन्य बर्खास्त कर्मचारी मौजूद थे।
विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज, साजिश रचने का लगा आरोप
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