रुद्रपुर। रानीखेत के व्यक्ति से साइबर ठगों ने 60 लाख रुपये की ठगी कर दी। पीड़ित ने अपने बेटे को लंदन में नौकरी लगवाने के नाम पर साइबर ठगों के खातों में 60 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। इस दौरान उसने साइबर ठगों की ओर से किए गए नौकरी के वादे की पड़ताल करने की जहमत तक नहीं उठाई। तीन माह बाद उसे ठगी का एहसास हुआ। साइबर क्राइम पुलिस ने पीड़ित की तहरीर पर केस दर्ज कर लिया है।खड़ी बाजार रानीखेत निवासी सुरेश चंद्र आर्य ने आठ जनवरी को साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में तहरीर देकर बताया कि इग्लैंड निवासी विलियम पार्कर उनका अच्छा मित्र है। अप्रैल 2022 में पार्कर ने उनके बेटे को लंदन की सेल पेट्रोलियम इंटरनेशनल कंपनी में नौकरी दिलाने की बात कही थी। इसके लिए विलियम ने बेटे के दस्तावेज मंगवा लिए और सिक्योरिटी के नाम पर 60,78,900 लाख रुपये ले लिए।
उसने वादा किया कि ज्वाइनिंग के बाद अच्छी सैलरी मिलेगी। आरोपी ने उनसे नौकरी संबंधित सारी बातें ई-मेल आइडी के जरिये की। उन्होंने बताया कि सिक्योरिटी मनी जमा करने के तीन माह बाद भी उनके बेटे को नौकरी नहीं मिल पाई। उन्होंने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई कर रुपये दिलवाने की गुहार लगाई है। बताया जा रहा है कि सुरेश एक बैंक अधिकारी हैं। साइबर थाना प्रभारी ललित मोहन जोशी ने बताया कि मामले की पड़ताल की जा रही है। जल्द ही ठगी में शामिल लोगों को चिह्नित कर गिरफ्तार किया जाएगा।
सुरेश से पहले भी हो चुकी है 60 लाख की ठगी
रुद्रपुर। पीड़ित सुरेश के साथ ठगी का पहला मामला नहीं है। पिछले साल भी सुरेश के साथ साइबर ठग ने महिला बनकर दोस्ती की थी और सुरेश को डॉलर भेजने की बात कही थी। उसके एवज में उनसे 60,01,762 रुपये मांगे थे। सुरेश ने भरोसा कर जब रुपये ठग के खाते में ट्रांसफर कर दिए तो इसके बाद उन्हें ठगी का एहसास हुआ। हालांकि साइबर पुलिस ने इस मामले का खुलासा कर एक नाइजीरियन को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वर्तमान में ठगी का आरोपी सलाखों के पीछे है।
अब तक नहीं खुला 25 लाख की ठगी का मामला
रुद्रपुर। साइबर क्राइम थाने में पिछले वर्ष शहर निवासी संदीप अग्रवाल ने 25 लाख रुपये की ठगी का मामला दर्ज कराया था। कार की एजेेंसी दिलाने का झांसा देकर उनके साथ ठगों ने 25 लाख की ऑनलाइन ठगी कर दी थी। साइबर क्राइम पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। थाना प्रभारी ललित मोहन जोशी ने बताया कि जल्द ही मामले का खुलासा होगा।
सावधान! साइबर पुलिस कर्मी बताकर खाते खाली कर सकते हैं ठग
रुद्रपुर। कंप्यूटर और मोबाइल के जरिये लोगों को झांसे में लेकर उनकी गाढ़ी कमाई को डकारने वाले अपराधी ठगी के नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं। अब ठगी के शिकार लोगों को रुपये वापस दिलाने में जुटी साइबर पुलिस के नाम पर ही ठगी की जा रही है। दूसरे प्रदेशों में ऐसे मामले आने के बाद साइबर पुलिस ने अलर्ट जारी किया है। लोगों से ऐसे फोन कॉल्स के झांसे में नहीं आने की अपील की गई है। साइबर ठग लोगों को फोन कर खुद को साइबर सेल का पुलिसकर्मी बताते हैं। इसके बाद वे लोगों को डराते हैं कि उनके फोन से लड़कियों और महिलाओं को फोन किया गया है। इसके चलते उनके खिलाफ वारंट जारी होगा और जेल जाना पड़ेेगा। यह सुनकर लोग सहम जा रहे हैं। इसका फायदा उठाकर ठग लोगों के मोबाइल फोन में आए ओटीपी पूछते हैं और इसके बाद लोगों के बैंक खातों को खाली कर देते हैं। सीओ साइबर सुमित पांडेय का कहना है कि ठग साइबर पुलिस के नाम से फोन कॉल्स कर सकते हैं इसलिए लोग सचेत रहें। कोई भी यदि बैंक खाते का विवरण पूछे तो उसे बिल्कुल न बताएं। यदि वित्तीय धोखाधड़ी होती है तो 1930 में शिकायत करें।
ऐसे बरतें सावधानी
घबराएं नहीं।
कॉलर से उसका नाम, पदनाम व तैनाती पूछें।
किसी भी डेबिट और क्रेडिट कार्ड का विवरण न दें।
ओटीपी शेयर न करें।
अनजान नंबर यदि संदिग्ध लग रहा है तो उसे ब्लॉक करे।
व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर किसी से बात न करें।
वित्तीय धोखाधड़ी होने पर तत्काल पुलिस से संपर्क करें।
लंदन में नौकरी का झांसा देकर लगाई 60 लाख की चपत
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