बागेश्वर। एससी-एसटी कर्मचारी फेडरेशन के जिला इकाई की बैठक में प्रदेशभर के विद्यालयों में मध्याह्न भोजन के समय विद्यार्थियों के साथ भेदभाव के मामले उजागर होने पर चिंता जताई गई।संगठन ने ऐसे मामलों को रोकने के लिए नियमित रूप से विभागीय निगरानी करने की मांग की। बैठक में अन्य प्रमुख समस्याओं पर भी मंथन किया गया। रविवार को नगर के एक होटल में आयोजित बैठक का शुभारंभ मुख्य अतिथि फेडरेशन के प्रांतीय अध्यक्ष करम राम, उपाध्यक्ष चंद्रशेखर, प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार टम्टा और मंडलसीय अध्यक्ष जीएल टम्टा ने महात्मा बुद्ध और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के चित्र के सम्मुख कैंडल जलाकर किया।
वक्ताओं ने पदोन्नति में आरक्षण, समाज में हो हरी उत्पीड़न और बढ़ रहे सामाजिक भेदभाव को लेकर चिंता जताई गई। पदाधिकारियों और कर्मचारियों ने सरकार से इरशाद हुसैन कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने, निजीकरण का विरोध, निजीकरण जरुरी होने पर एससी, एसटी, ओबीसी का भी ध्यान रखे जाने, अखिल भारतीय सेवाओं की तर्ज पर अखिल भारतीय न्यायिक परीक्षा करवाने, उपनल और आउटसोर्स से तैनात कर्मचारियों की नियुक्तियों के स्थाईकरण में संवैधानिक आरक्षण का पालन करने, रोस्टर प्रणाली के दोषपूर्ण क्रियान्वयन को दूर करने, विद्यालयों में भोजन के समय हो रहे भेदभाव की निगरानी करने, अनुसूचित जाति समाज के साथ प्रदेशभर में भेदभाव व हिंसा की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए गंभीर कदम उठाने की मांग की गई। कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री हरि प्रसाद ने किया। इस मौके पर जिलाध्यक्ष वामसेफ जीएस धौनी, हरीश चंद्र आगरी, दीनदायाल, शबनम आदि मौजूद रहे।
एमडीएम के समय भेदभाव रोकने को विभागीय निगरानी जरुरी
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