अल्मोड़ा। विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (वीपीकेएएस) और शीतजल मात्स्यिकी अनुसंधान निदेशालय (डीसीएफआर) भीमताल की संयुक्त बैठक मंगलवार को यहां हुई। इस दौरान दोनों संस्थानों के वैज्ञानिकों ने अल्मोड़ा में विकसित क्यूपीएम (मक्का) प्रजाति को मछली आहार के रूप में प्रयोग करने पर सहमति जताई। वीपीकेएएस के निदेशक डॉ. लक्ष्मी कांत और भीमताल के निदेशक डॉ. प्रमोद कुमार पांडे ने वैज्ञानिकों को संस्थान की उपलब्धियां बताईं। वक्ताओं ने प्रोटीन मक्का की जानकारी देकर अर्थव्यवस्था में मछलियों की महत्ता बताई। मक्का प्रजनक डॉ. आरके खुल्बे ने मछली आहार के रूप में गुुणवत्तायुक्त मक्के की उपयोगिता बताई। आईसीएआर-डीसीएफआर की ओर से डॉ. बीजू सैम कमलम जे ने रेनबो ट्राउट मछली के पालन और आहार की जानकारी दी। इसके तहत आईसीएआर-वीपीकेएएस डीसीएफआर को गुणवत्तायुक्त मानकों के साथ 10 किलो क्यूपीएम बीज देगा। क्यूपीएस सीड पाउडर का उपयोग फिश फीड फॉर्मुलेशन में किया जाएगा और फिश का प्रारंभिक फेनोटाइप डीसीएफआर करेगा। इस मौके पर डॉ. राजेश एम, डॉ. रमेश सिंह पाल, श्याम नाथ समेत कई वैज्ञानिक मौजूद रहे।
अर्थव्यवस्था बढ़ाने में मछलियों की विशेष भूमिका
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