रुद्रपुर। शहर में ज्वैलरी की खरीद-बिक्री करने के बाद भी जीएसटी नहीं देने वाली फर्मों के खिलाफ राज्य कर विभाग ने जांच शुरू कर दी है। विभाग ने तीन फर्मों की जांच में गड़बड़ी पकड़ी है। दो फर्में काफी समय से जीएसटी नहीं चुका रही थीं जबकि एक फर्म ने पंजीकरण निरस्त होने के बाद भी लाखों की ज्वैलरी का कारोबार किया है। विभाग की ओर से तीन फर्मों की ओर से की जा रही खरीद-बिक्री की जांच की जा रही है।शनिवार को राज्य कर विभाग की टीम ने मुख्य बाजार में तीन ज्वैलरी फर्मों की जांच की। राज्य कर अधिकारी प्रकाश चंद्र त्रिवेदी ने बताया कि एक फर्म की जांच में सामने आया कि फर्म ने 2019 के बाद से जीएसटी जमा नहीं की है। सभी देय टैक्स को इनपुट टैक्स में समायोजित किया है। जांच के दौरान फर्म ने 10,000 रुपये चालान के माध्यम से जमा किए।
इसी तरह एक फर्म ने वर्ष 2018 से कोई जीएसटी जमा नहीं की है और सभी टैक्स को इनपुट टैक्स क्रेडिट में समायोजित किया जा रहा है। बताया कि अग्रवाल धर्मशाला गली में स्थित न्यू राधा ज्वैलर्स नाम की फर्म कागजों में दर्शायी गई जगह पर नहीं पाई गई। फर्म स्वामी के घर के पते वैशाली कॉलोनी में जाकर जांच की गई तो पता चला कि वह अपना घर बेचकर दूसरी जगह शिफ्ट हो चुका है। बताया कि दिसंबर में फर्म का पंजीकरण निरस्त किया गया था लेकिन पंजीकरण निरस्त होने के बाद भी फर्म ने लाखों का कारोबार किया है। राज्य कर अधिकारी ने बताया कि तीनों फर्मों की जांच की जा रही है। जल्द ही तीनों फर्मों के खिलाफ जीएसटी की धारा 74 के तहत निर्धारित टैक्स वसूलने की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लोगों से सोने, चांदी के आभूषणों की खरीद में पक्का बिल लेने की अपील की है।
तीन ज्वैलरी फर्मों की हुई जांच में मिली गड़बड़ी
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