भले ही ट्रांजिट कैंप में रिसाव हुए गैस को क्लोरिन गैस होने की संभावना जताई जा रही थी। लेकिन इसकी पुष्टि के लिए पुलिस ने बरेली के आइवीआरआइ में बरामद मृत चूहे का शव भेजा था। पांच माह बाद मिले पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी पता नहीं चल पाया है कि चूहे की मौत कौन सी गैस से हुई थी। ट्रांजिट कैंप में कबाड़ी के गोदाम से 30 अगस्त 2022 को जहरीली गैस लीक हो गई थी। उसके प्रभाव में आकर कबाड़ी के साथ ही आसपास रहने वाले 36 लोगों की हालत खराब हो गई थी। साथ ही रेस्क्यू के लिए पहुंचे एसडीएम, सीओ, सीएफओ समेत अन्य पुलिस कर्मियों की भी हालत खराब हो गई थी। इस पर जैसे तैसे पुलिस ने गैस सिलिंडर को सिडकुल स्थित खाली मैदान में दफन कर दिया था।
गैस के क्लोरिन होने की आशंका जताई जा रही थी
साथ ही इस दौरान रिसाव हुए गैस को क्लोरिन होने की आशंका जताई जा रही थी। इसकी पुष्टि के लिए पुलिस ने तब मौके पर मृत मिले एक चूहे के शव को कब्जे में ले लिया था। ऐसे में रिसाव हुए गैस से ही चूहे की मौत होने की संभावना को देखते हुए पशु चिकित्सकों की टीम ने लीक गैस का राज जानने के लिए चूहे के शव को आइवीआरआइ इज्जतनगर बरेली भेज दिया था। पांच-छह माह बाद बरेली से पुलिस को शुक्रवार को चूहे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिली। जिसमें चूहे की मौत किस गैस से हुई, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। ऐसे में गैस रिसाव का राज सुलझने के बजाए और उलझ गया है। इसे देखते हुए अब पुलिस अपनी जांच को मैनुवली ही आगे बढ़ा रही है। चूहे का पोस्टमार्टम रिपोर्ट आइवीआरआइ इज्जतनगर बरेली से मिल गई है। रिपोर्ट में चूहे की मौत किस गैस से हुई है, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। अब पुलिस मैनुअली ही आगे की जांच करेगी। – मनोज कुमार कत्याल, एसपी सिटी, रुद्रपुर
आखिर क्यों इस चूहे की मौत की हर ओर हो रही चर्चा? पोस्टमार्टम भी करवाया, लेकिन नहीं लग पाया कुछ हाथ
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