Friday, November 8, 2024
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वेतन के लिए अनिश्चितकालीन कलम बंद हड़ताल पर गए कर्मचारी

नानकमत्ता। नानकमत्ता दीर्घाकार बहुउद्देशीय सहकारी समिति के कर्मचारियों को चार माह से वेतन न मिलने पर सांकेतिक धरना दे रहे कर्मचारियों ने पूर्व निर्धारित कार्यक्त्रस्म के तहत अनिश्चितकालीन कलम बंद हड़ताल शुरू कर दी। धरना स्थल पर पहुंचे जिला सहायक निबंधक के वार्ता करने से इन्कार करने पर यूनियन के पदाधिकारियों ने सोमवार से जिला मुख्यालय स्थित निबंधक कार्यालय में धरना प्रदर्शन का एलान किया है।ग्राम बिडोरा मझोला स्थित नानकमत्ता दीर्घाकार बहुउद्देशीय सहकारी समिति के मुख्यालय पर समिति के कर्मचारियों की ओर से अक्तूबर से वेतन एवं भत्ता न मिलने पर तीन दिन से दिया जा रहा सांकेतिक धरना शनिवार से अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल में तब्दील हो गया।
धरनारत कर्मचारियों के समर्थन में सहकारी समिति नैनीताल ऊधमसिंह नगर यूनियन के जिलाध्यक्ष प्रकाश जोशी के नेतृत्व में पहुंचे समितियों के प्रतिनिधियों के साथ ही किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने भी धरना स्थल पहुंचकर समर्थन दिया। धरनास्थल पर पहुंचे जिला सहायक निबंधक तुलसी बुधियाल के यूनियन के पदाधिकारियों से वार्ता करने से इन्कार करने पर यूनियन के जिलाध्यक्ष प्रकाश जोशी ने सोमवार से जिला सहायक निबंधक कार्यालय पर धरना.प्रदर्शन की चेतावनी दी है। कहा कि सभी समितियों के एक.एक सदस्य प्रतिदिन मुख्यालय पहुंचकर धरने में शामिल होंगे। वहां उपाध्यक्ष राजकुमार शर्मा, सचिव शुभम चौधरी, उप सचिव अरुण सोलंकी, कोषाध्यक्ष दलजीत सिंह, पंकज अरोड़ा, रमेश जोशी, लक्ष्मण सिंह, दिनेश यदुवंशी, नितिन गावड़ी, गोविंद सिंह रावत, भारत भूषण, किसान यूनियन के लखविंदर सिंह, जीवन सिंह, गुरनाम सिंह आदि थे।
दो माह के वेतन की मांगए श्रमिकों ने किया प्रदर्शन
रुद्रपुर। सिडकुल के सेक्टर-4 स्थित एक फूड कंपनी में दो माह से वेतन नहीं मिलने से गुस्साए श्रमिकों ने शनिवार को श्रम भवन कार्यालय परिसर में प्रदर्शन किया। इसके बाद श्रम प्रवर्तन अधिकारी से वेतन के लिए गुहार लगाई। श्रमिकों ने बताया कि फूड कंपनी की ओर से करीब एक साल से समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा है। कभी.कभी तीन माह बाद वेतन मिलता है। इसके अलावा एक माह का वेतन ठेकेदार की ओर से रोककर दिया जाता है। वर्तमान में दिसंबर और जनवरी का वेतन नहीं मिला है। इससे आर्थिक संकट की स्थिति पैदा हो गई है। इतना ही नहीं वेतन मांगने वाले श्रमिकों को कंपनी से निकाल दिया जाता है। श्रम प्रवर्तन अधिकारी अनिल कुमार पुरोहित ने कहा कि श्रमिकों की समस्या सुनने के बाद ठेकेदार को कार्यालय बुलाया गया था। ठेकेदार को श्रमिकों का समय से वेतन देने के लिए कहा गया है। वहां रामदेव, धर्मपाल, जोगराज, ओमपाल, कमल, भानु प्रताप, कंचन, अखिलेश, अजय, हेमंत कुमार, हरपाल आदि थे।

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