उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की जेई, एई और पटवारी भर्ती की एसआईटी जांच के साथ ही अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाओं की एसटीएफ जांच भी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में होगी। अपर मुख्य सचिव (गृह) राधा रतूड़ी ने कहा कि जल्द ही सरकार उच्च न्यायालय से न्यायाधीश की नियुक्ति करने का अनुरोध करेगी। रतूड़ी मंगलवार को राज्य सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकार वार्ता में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों ने वार्ता में अपनी मांगे रखी थीं। उनकी सभी समस्याओं का समाधान कर दिया गया है। सख्त नकल विरोधी कानून की उनकी मांग थी। सरकार ने नकल विरोधी कानून लागू कर दिया है, जो देश में सबसे सख्त कानून है। उन्होंने कहा कि किसी भी समस्या का समाधान स्वस्थ सौहार्द संवाद से ही हो सकता है। उनकी मांग के अनुसार सरकार भर्ती परीक्षाओं की दो जांचों को उच्च न्यायालय के जज की निगरानी में कराने को सहमत है। कहा, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाओं की जांच एसटीएफ कर रही है, जबकि लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं की जांच एसआईटी कर रही है।
परीक्षा नियंत्रक को हटा दिया गया
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि जल्द ही सरकार उच्च न्यायालय से इस संबंध में अनुरोध करेगी। कहा, अभ्यर्थियों की मांग पर परीक्षा नियंत्रक को हटा दिया गया है। पटवारी भर्ती की परीक्षा निष्पक्षता और पारदर्शिता से संपन्न कराई गई। एक लाख से अधिक बच्चों ने परीक्षा दी। सचिव कार्मिक शैलेश बगौली, एडीजी कानून व्यवस्था वी. मुरुगेशन, अपर सचिव विधायी महेश चंद्र कौशिबा पत्रकार वार्ता में मौजूद थे।
पुरानी परीक्षाओं के अगले चरणों पर नया कानून लागू
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि नकल विरोधी कानून राज्य में 11 फरवरी से लागू हो गया है। इस तिथि के बाद जितनी भी राज्य सरकार के भर्ती आयोगों के स्तर से प्रतियोगी परीक्षाएं कराई जाएंगी, उन सभी पर यह कानून लागू होगा। लेकिन यदि कानून लागू होने से पूर्व कोई परीक्षा गतिमान है तो उसके अगले चरण की परीक्षा पर नया कानून लागू होगा।
उत्तरकाशी प्रकरण के सभी पहलुओं की जांच होगी
पटवारी-लेखपाल भर्ती परीक्षा के दौरान उत्तरकाशी में एक परीक्षार्थी पर मुकदमा दर्ज करने से जुड़े प्रश्न पर अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) वी मुरुगेशन ने कहा कि इस मामले में सभी पहलुओं की जांच होगी। यह पूछे जाने पर कि परीक्षार्थी ने उत्तर पुस्तिका की सील टूटने की शिकायत की, लेकिन उसी के खिलाफ केस दर्ज हो गया, जबकि चूक आयोग की ओर से हुई है, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की वीडियो ग्राफी देखी गई। वीडियोग्राफी परीक्षार्थी को भी दिखाई गई। वह संतुष्ट था। इस मामले में व्यक्ति, संस्था सभी की जांच होगी। आयोग के खिलाफ साक्ष्य मिलेंगे तो उस पर भी कार्रवाई होगी।
हाईकोर्ट जज की निगरानी में होगी SIT व STF जांच, पुरानी परीक्षाओं के अगले चरणों पर नया कानून लागू
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