Thursday, October 31, 2024
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भर्ती होने के लिए गिरवी रखे जमीन और जेवर, दरोगा बन मोटा माल कमाकर लिए वापस

2015 में दरोगा भर्ती परीक्षा में पास होने के लिए कई अभ्यर्थियों ने आरोपियों के पास अपनी जमीनें तक गिरवी रख दी थीं। इसके बाद जब दरोगा बने तो चंद सालों में ही मोटा माल कमाया और फिर पैसे चुकाकर इन्हें वापस ले लिया। आरोपियों से पूछताछ में यह सारे तथ्य विजिलेंस के सामने आए हैं। बताया जा रहा है कि आरोपियों ने भर्ती के लिए कोई फिक्स रेट नहीं रखा था। जिसके पास जो कीमती था उसे या तो गिरवी रख लिया या फिर खरीदकर अभ्यर्थियों को पास कराया गया। दरोगा भर्ती धांधली की जांच विजिलेंस के हल्द्वानी सेक्टर में हो रही है। इस मुकदमे में पंतनगर विवि के पूर्व बाबू दिनेश चंद और एक डीन समेत कुल 12 लोगों को आरोपी बनाया गया है। विजिलेंस की रिपोर्ट पर पुलिस ने 20 दरोगाओं को निलंबित किया था। मामले में विजिलेंस ने पंतनगर विवि के इन अधिकारियों से कई दौर में पूछताछ की है। इस पूछताछ में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। विजिलेंस सूत्रों के अनुसार इस सौदे में नौकरी के बदले जमीन, जेवर तक गिरवी रखे गए।
ज्यादातर डील जमीन और जेवरात गिरवी या बेचकर की गई
इन्हें किसी सूदखोर के पास गिरवी नहीं रखा गया। बल्कि नौकरी के इन सौदागरों ने ही अपने पास रखकर अभ्यर्थियों को नौकरी दिलवाई। विजिलेंस जांच में पता चला है कि दरोगा बनने के दो से तीन साल के भीतर ही इन जेवर और जमीनों को पैसे देकर छुड़वा लिया गया। कुछ अभ्यर्थियों ने तो इन आरोपियों को जमीनें और दुकानें बेच भी डालीं। विजिलेंस सूत्रों के अनुसार इसका खुलासा आरोपियों की संपत्तियों की जांच में भी हुआ है। इस मामले में अभी तक यह बात सामने नहीं आई है कि इस नौकरी का रेट क्या था। मसलन किसी से नकद लिए गए तो कितने रुपये लिए गए? बताया जा रहा है कि ज्यादातर डील इसी तरह जमीन और जेवरात गिरवी या बेचकर की गई हैं।
जेल में बंद आरोपियों को भी बेची और गिरवी रखी गई जमीनें
इस मामले में 10 मुख्य आरोपी जेल में बंद हैं। इन सभी की संपत्तियों की जांच भी चल रही है। कुछ संपत्तियों की एसटीएफ ने जिला प्रशासन की मदद से जांच की है तो बाकी की विजिलेंस की ओर से की जा रही है। बताया जा रहा है कि बहुत से अभ्यर्थियों ने जेल में बंद इन आरोपियों को भी जमीनें बेची और उनके पास गिरवी रखी थीं। इनके दस्तावेज भी विजिलेंस को मिले हैं।
100 से अधिक हो सकती है दरोगाओं की संख्या
बीते दिनों निलंबित किए गए दरोगाओं की जनपदों की पुलिस ने विभागीय जांच भी शुरू कर दी है। धांधली में सामने आने वाली दरोगाओं की संख्या बढ़ भी सकती है। शुरुआत में इनकी संख्या तकरीबन 30 से 35 मानी जा रही थी। लेकिन, जांच में सामने आया है कि इनकी संख्या 100 से भी अधिक हो सकती है। ऐसे में जल्द ही पुलिस विभाग कुछ और दरोगाओं पर कार्रवाई कर सकता है।

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