देहरादून। फाइनेंस पर खरीदे गए वाहन का लोन चुकाए बिना ही फर्जी एनओसी बनाकर उसे बेचने वाले गैंग का रायपुर थाना पुलिस ने खुलासा किया है। पुलिस ने छह आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करते हुए, इनमें से तीन आरोपियों को रविवार रात को गिरफ्तार कर लिया। सोमवार (आज) को पुलिस इस पूरे घटनाक्रम का भंडाफोड़ कर सकती है। फर्जीवाड़े को लेकर पुलिस ने अभिषेक बिष्ट निवासी सहस्रधारा रोड की तरफ से रायपुर थाने में रविवार को केस दर्ज किया। पीड़ित ने कहा कि उसने 15 दिसंबर 2021 को अजहर निवासी आजादनगर कॉलोनी रायपुर से एक स्कूटर 61 हजार रुपये में खरीदा। बीते 25 फरवरी को एक बैंक के कर्मचारी नवीन जायसवाल नाम के व्यक्ति ने उन्हें आईएसबीटी के पास रोक दिया। बताया कि दोपहिया के पुराने मालिक ओम प्रकाश ने लोन पूरा जमा नहीं किया है। यह सुन अभिषेक चौंक गया। पुलिस ने मामले की बारीकी से जांच की तो पता चला कि बैंक की फर्जी एनओसी लगाकर वाहन को बेचा गया है।
जांच में यह भी पता चला कि अजहर त्रिशक्ति सर्विस सहस्रधारा रोड के साथ काम करता है। यह कंपनी वाहन रिकवरी का काम करती है। जिसमें राहुल खरोला, दीपक धनै भी कर्मचारी हैं। इस कंपनी का संचालन आनंद सिंह स्वरोल और रुपेश गौड़ करते हैं। इनके साथ मेहरबान सिंह खरोला नाम का व्यक्ति भी शामिल है जो खुद को बैंक अफसर बताता है। आरोप है कि यह गैंग लोन नहीं चुका पाने वाले वाहनों को रिकवर कर फर्जी लोन चुकाए जाने की एनओसी बनाकर उसे बेच देते हैं। इन्होंने बड़ी संख्या में लोन पर लिए वाहनों में यह फर्जीवाड़ा करते हुए बैंकों को चूना लगाया। जानकारी के मुताबिक पुलिस ने इस मामले में अजहर, दीपक धनै और मेहरबान सिंह खरोला को रविवार रात गिरफ्तार कर लिया है।
लोन की फर्जी एनओसी बना वाहन बेचने वाला गैंग का पर्दाफाश
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