रानीखेत (अल्मोड़ा)। ग्रीष्मकालीन पर्यटन सत्र शुरू होने के बावजूद पर्यटन नगरी को जोड़ने वाली सड़कों की हालत नहीं सुधर सकी है। दो साल पहले अक्तूबर में आई दैवी आपदा ने जीवन रेखा मानी जाने वाली रानीखेत-हल्द्वानी सड़क को क्षतिग्रस्त कर दिया था। कनवाड़ी की पहाड़ी के उपचार के लिए आपदा मद से राशि तक स्वीकृत नहीं हो सकी है। यहां एनसीसी मैदान के पास तीव्र मोड़ पर फिर से सड़क पर भूधंसाव हो रहा है, हालांकि विभाग ने दरार में डामर तो डाल दिया लेकिन नीचे से आधार मजबूत न होने के कारण सड़क धंसने का खतरा बरकरार है। नगर में ग्रीष्मकालीन पर्यटन के दौरान काफी भीड़ रहती है लेकिन सड़कों की स्थिति ठीक न होने के कारण कई बार पर्यटक कड़वे अनुभव लेकर लौटते हैं। यहां की जीवनरेखा मानी जाने वाली रानीखेत-हल्द्वानी सड़क भी क्षतिग्रस्त है। खैरना, भुजान, कनवाड़ी की पहाड़ी के पास स्थिति बहुत खराब है। बारिश होने पर वहां चट्टान से पत्थर तक गिरने लगते हैं। दो साल पहले 18 अक्तूबर को आई दैवी आपदा ने सड़क का आधा हिस्सा धंस गया था जिसे ठीक नहीं किया गया है।
सड़क के किनारे कई स्थानों पर सुरक्षा दीवार ढह चुकी है। हालांकि विभाग ने मलबा हटाने का कार्य पूरा कर हाईवे को उस वक्त यातायात के लिए सुचारु कर दिया था लेकिन सड़कों की मरम्मत के लिए आपदा मद में भेजे गए पंद्रह करोड़ रुपये के प्रस्ताव को अभी मंजूरी नहीं मिल सकी है। नगर के पास ही एनसीसी मैदान के पास तीव्र मोड पर सड़क धंसने से बड़े हादसे का खतरा है। कुछ साल पहले इसका उपचार होने के बावजूद अब फिर से सड़क पर दरार पड़ने से दोबारा धंसाव शुरू हो गया है जबकि इस सड़क से रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं। एनसीसी मैदान के पास सड़क धंस रही है। उसकी दरारों को तैयार मिश्रित रसायन से भर दिया गया है। आधार मजबूत करने के लिए अधिक बजट की जरूरत है। धंसाव बढ़ा तो मोड़ की कटिंग की जाएगी। कनवाड़ी की पहाड़ी के उपचार के लिए आपदा मद से राशि स्वीकृत नहीं हो सकी। इसके उपचार के लिए डीएम भी गंभीर हैं। उन्होंने इसका डिजाइन तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद आपदा न्यूनीकरण के तहत डीपीआर बनाकर प्रस्ताव डीएम के माध्यम से शासन को भेजा जाएगा। – केएस बिष्ट, एई, लोनिवि, प्रांतीय खंड, रानीखेत।
एनसीसी मैदान के पास धंस रही सड़क
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