अबकी गर्मियों में आपूर्ति की तुलना में बिजली की मांग नया रिकॉर्ड बना सकती है। उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने मई और जून माह में 2,600 मेगावाट तक बिजली की मांग पहुंचने का अनुमान लगाया है, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 100 मेगावाट अधिक है। बिजली संकट से निपटने के लिए केंद्र सरकार से उत्तराखंड को 300 मेगावाट अतिरिक्त बिजली दी जाएगी। बढ़ती गर्मी को देखते हुए पीक सीजन मई व जून में आपूर्ति के सापेक्ष में बिजली की मांग में भारी बढ़ोतरी होने की संभावना है। यूपीसीएल के अनुमान के बाद गर्मियों में बिजली की मांग 2,600 मेगावाट तक पहुंच सकती है।
उपभोक्ताओं से ऊर्जा संरक्षण की अपील
पिछले साल गर्मियों में सर्वाधिक मांग 2,500 मेगावाट थी। इस बार 100 मेगावाट तक मांग बढ़ सकती है। इसके लिए यूपीसीएल ने उपभोक्ताओं से ऊर्जा संरक्षण की अपील की है। प्रबंध निदेशक अनिल कुमार का कहना है कि एक यूनिट बिजली की खपत बचाने से 1.5 यूनिट बिजली उत्पादन के बराबर होती है। बताया कि बिजली संकट से निपटने के लिए केंद्र सरकार से 300 मेगावाट बिजली उत्तराखंड को मिलेगी। इसके लिए केंद्रीय एक्साइज अथारिटी की टीम जल्द ही उत्तराखंड आएगी, जिसमें तीनों ऊर्जा निगमों की समस्याओं पर चर्चा कर 10 दिन के भीतर केंद्र सरकार को रिपोर्ट देगी।
कोयला से बिजली बनाने की तलाशी जा रही संभावना
कोयले से बिजली बनाने की दिशा में संभावनाएं तलाशी जा रही है। उड़ीसा में पर्याप्त मात्रा में जमीन संग कोयला उपलब्ध है। यहां से ट्रांसमिशन लाइन से उत्तराखंड में बिजली आसानी से पहुंचाई जा सकती है। इसके लिए छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में बिजली उत्पादन की संभावना देखी जा रही है। – अनिल कुमार, एमडी, यूपीसीएल
इस बार गर्मियों में बिजली की मांग का बनेगा रिकॉर्ड, संकट से निपटने के लिए केंद्र से मिलेगी मदद’
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