सितारगंज। जिला सहकारी बैंक की शाखा में ऋण के नाम पर भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। ऊधम सिंह नगर जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन योगेंद्र रावत की जांच के बाद बैंक के सचिव महाप्रबंधक ने शाखा प्रबंधक को निलंबित कर मुख्यालय में अटैच किया है। मामले की जांच डीजीएम शुभम रावत को जांच सौंपी गई है। ऊधम सिंह नगर जिला सहकारी बैंक के सितारगंज शाखा प्रबंधक के खिलाफ बैंक ऋण देने में सुविधा शुल्क लेने के आरोप लगे हैं। प्राथमिक जांच के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया। बुधवार को उधम सिंह नगर जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष योगेंद्र रावत ने शिकायतों का संज्ञान लिया और बैंक पहुंचकर जांच की। जांच के दौरान नगर के वार्ड तीन निवासी तौसीब ने शपथ पत्र देकर बताया कि उसने बैंक से 1.50 लाख का ऋण लेने के लिए आवेदन किया था।
ऋण स्वीकृत होने के बाद बाहरी व्यक्ति ने एटीएम कार्ड पिन बदलने की बात कहकर कार्ड ले लिया। आरोप लगाया कि बैंक प्रबंधक से मिलीभगत कर खाते से 1.33 लाख रुपये निकाल लिए। उसके खाते में 17 हजार रुपये शेष रह गए। बैंक अध्यक्ष ने बताया कि प्राथमिक जांच में पीड़ित के खाते में मोबाइल नंबर किसी और का निकला है। इस पर चेयरमैन ने मामले की जांच डीजीएम शुभम रावत को सौंपी चेयरमैन ने बताया कि जांच पूरी होने के बाद आरोपी पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। बैंक स्तर से न कोई गड़बड़ी और न ही त्रुटि हुई है। बैंक की तरफ से सिर्फ उपभोक्ता को एटीएम कार्ड व उसका पिन नंबर दिया जाता है। पैसे कैसे निकाले गए, ये संज्ञान में नहीं है। अन्य भ्रष्टाचार के आरोप भी बेबुनियाद हैं। जांच में सब साफ हो जाएगा। – शंकर सहाय, निवर्तमान बैंक प्रबंधक, शाखा सितारगंज।
भ्रष्टाचार की शिकायतों की प्राथमिक जांच के आधार पर प्रबंधक को निलंबित कर मुख्यालय से संबद्ध किया गया है। मामले की जांच डीजीएम करेंगे। जांच में दोषी पाए जाने पर आरोपियों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। जांच में बाहरी व्यक्ति सामने आएगा तो उसके खिलाफ भी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी। – योगेंद्र सिंह रावत, अध्यक्ष, ऊधम सिंह नगर जिला सहकारी बैंक।
भ्रष्टाचार के आरोप में जिला सहकारी बैंक के प्रबंधक निलंबित
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