अल्मोड़ा। ड्रेनेज प्लान को धरातल पर उतारकर नगर को आपदा से सुरक्षित बचाने की कवायद शुरू हो गई है। नगर के बीचोबीच पांच बड़े नालों को खोलने का काम शुरू हो चुका है जबकि यहां 18 करोड़ रुपये से बंद या अतिक्रमण की जद में आए 39 नालों को खोलने की योजना है। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील अल्मोड़ा नगर में ड्रेनेज की व्यवस्था का अभाव है। पूर्व में नगर के ड्रेनेज सिस्टम को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले 39 नाले बंद हो गए या अतिक्रमण की जद में आ गए। प्रशासन ने नगर को आपदा से सुरक्षित बचाने के लिए इन सभी नालों को फिर से खोलने का निर्णय लिया है जिसकी जिम्मेदारी सिंचाई विभाग को सौंपी गई है। इसके लिए बजट मिलते ही विभाग ने पांच बड़े नालों को खोलने का काम शुरू कर दिया है। नगर के जीआईसी, सीमकनी मैदान, इंद्र कॉलोनी के वार्ड संख्या 3, 4 और लोअर मालरोड में स्थित इन नालों की सफाई का काम शुरू हुआ है। इनके फिर से अस्तित्व में आने के बाद लोगों को जलभराव से मुक्ति मिलेगी तो आपदा के खतरे को भी कम किया जा सकेगा।
नालों पर अवैध कब्जा हटाना होगा चुनौती
अल्मोड़ा। नगर क्षेत्र में स्थित इन नालों पर अतिक्रमण भी हुआ है। हालात यह हैं कि अतिक्रमण के चलते ये नाले दिखाई देने भी बंद हो गए हैं। सिंचाई विभाग ने पहले चरण में अतिक्रमण से मुक्त नालों को खोलने का काम शुरू किया है लेकिन इन नालों का कार्य पूरा होने के बाद उसे अन्य नालों को खोलना होगा। ऐसे में इन नालों से अतिक्रमण हटाकर उन्हें फिर से अस्तित्व में लाना विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।
इन क्षेत्रों में हैं नाले
अल्मोड़ा। इंद्र कॉलोनी, विवेकानंद पुरी, सीमकनी मैदान, ढुंगाधारा, बालेश्वर, नंदा देवी, राजपुरा, रामशीला, मुरली मनोहर, दुगालखोला, बद्रेश्वर, त्रिपुरासुंदरी, लक्ष्मेश्वर और रेलापाली वार्ड के 39 नालों को खोलने के लिए चिह्नित किया गया है। पहले चरण में पांच नालों की सफाई कार्य शुरू किया गया है। निश्चित तौर पर इन नालों के अस्तित्व में आने के बाद नगर की ड्रेनेज व्यवस्था मजबूत होगी। – मोहन सिंह रावत, अधिशासी अभियंता, सिंचाई विभाग, अल्मोड़ा।
पालिका ने खोली चोक नालियां
अल्मोड़ा। जीआईसी स्कूल को जोड़ने वाले पैदल मार्ग पर फैली गंदगी को साफ करने के साथ चोक नालियों को खोलकर पालिका ने विद्यार्थियों को राहत पहुंचाई है। स्कूल को जड़ने वाले पैदल मार्ग पर प्लास्टिक की लाइन के टूटने से फैली गंदगी से विद्यार्थियों के साथ ही अन्य लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।
ड्रेनेज प्लान को मजबूत करने के लिए पांच बड़े नालों को खोलने का काम शुरू
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