प्रदेश में शोध आधारित 22 मॉडल महाविद्यालय विकसित होंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के 15 करोड़ से अधिक के सहयोग से इन महाविद्यालयों को विकसित किया जाएगा। एडीबी की टीम 27 अप्रैल को इन महाविद्यालयों का निरीक्षण करेगी। उच्च शिक्षा सचिव शैलेश बगौली के मुताबिक इन महाविद्यालयों को विकसित करने के लिए जरूरी सुविधाएं जुटाई जांएगी। शिक्षा सचिव के मुताबिक राजकीय महाविद्यालय डाकपत्थर, रायपुर, लक्सर, उत्तरकाशी, नरेंद्रनगर, थलीसैण, कोटद्वार, नई टिहरी, एमपीबीपीजी हल्द्वानी, रुद्रपुर, काशीपुर, रानीखेत, बागेश्वर, चंपावत, पिथौरागढ़, गोपेश्वर, गैरसैंण, अगस्त्यमुनि, डीएसबी कैंपस नैनीताल, एसएसजे कैंपस अल्मोड़ा, एसडीएस कैंपस ऋषिकेश, यूओयू हल्द्वानी को शोध आधारित मॉडल विद्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा।
चयनित महाविद्यालयों में शोध को प्रोत्साहन दिया जाएगा
इनमें शैक्षणिक गुणवत्ता के साथ एनईपी के अनुरूप आवश्यक सुविधाओं का विकास किया जाएगा। अपर सचिव उच्च शिक्षा प्रशांत आर्य ने कहा कि शोध आधारित मॉडल महाविद्यालयों के लिए प्रस्तावित मॉडल महाविद्यालयों के प्राचार्यों और विश्वविद्यालय परिसर के कुलसचिव के साथ बैठक हो चुकी है। एडीबी के तकनीकी सहायक पार्थ एस बनर्जी ने कहा कि महाविद्यालयों से जरूरी जानकारी के बाद परियोजना के लिए अंतिम रिपोर्ट तैयार की जाएगी। उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक चंद्र दत्त सूठा ने कहा कि एनईपी को राज्य में पूरी तरह से लागू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। चयनित महाविद्यालयों में शोध को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
छात्रों को मिलेगा उद्यमिता और कौशल विकास का प्रशिक्षण
राज्य के महाविद्यालयों में छात्रों को उद्यमिता और कौशल विकास का प्रशिक्षण मिलेगा। कौशल विकास विभाग से राजेंद्र वल्दिया ने विभिन्न पाठ्क्रमों के की जानकारी दी। राज्य विश्वविद्यालय के बोर्ड ऑफ स्टडी से संस्तुति कराते हुए शीघ्र ही इन पाठ्यक्रमों को महाविद्यालयों में शुरू किया जाएगा। कौशल विकास विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि इन पाठ्यक्रमों को शुरू करने के बाद रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
प्रदेश में शोध आधारित 22 मॉडल महाविद्यालय होंगे विकसित, एडीबी की टीम 27 करेगी निरीक्षण
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