Tuesday, December 3, 2024
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दो दशक बाद भी बाराकोट की झोली खाली

चंपावत। राज्य बनने के बाद प्रदेश में राजकीय डिग्री कॉलेजों की संख्या बढ़ी। जिले में दो से बढ़कर सात डिग्री कॉलेज हो गए लेकिन बाराकोट विकासखंड के लोगों की उच्च शिक्षा केंद्र की मांग पूरी नहीं हो सकी। वहां के छात्र-छात्राएं इंटर से आगे की पढ़ाई के लिए लोहाघाट या पिथौरागढ़ जाने के लिए मजबूर हैं। इस कारण गरीब परिवारों की छात्राएं इंटर से आगे नहीं पढ़ पाती हैं। इसलिए वहां का युवा वर्ग इस चुनाव में कॉलेज के मुद्दे को प्रमुखता से उठा रहा है।

पांच दशक पुराने ब्लॉक मुख्यालय बाराकोट को वर्ष 2006 में तहसील का भी दर्जा मिल चुका है लेकिन यहां उच्च शिक्षा के लिए डिग्री कॉलेज नहीं खुल सका जबकि क्षेत्रवासी डेढ़ दशक से बाराकोट में डिग्री कॉलेज की मांग कर रहे हैं, लेकिन कई बार आश्वासन मिलने के बावजूद मांग पूरी नहीं हो सकी। बाराकोट अकेला ब्लॉक है, जहां उच्च शिक्षा का एक भी केंद्र नहीं है। इस वजह से यहां के छात्र-छात्राओं को इंटर के बाद की पढ़ाई के लिए 15 से 45 किमी दूर जाना पड़ रहा है। इसलिए बाराकोट की ब्लॉक प्रमुख विनीता फर्त्याल का कहना है कि डिग्री कॉलेज खुलवाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

राज्य बनने के बाद खुले पांच डिग्री कॉलेज

डिग्री कॉलेज न होने से बाराकोट में छात्र-छात्राओं को इंटर के बाद की पढ़ाई के लिए परेशानी झेलनी होती है। स्नातक की पढ़ाई के लिए या तो लोहाघाट अथवा पिथौरागढ़ जाने की मजबूरी रहती है। – आरती राय, छात्रा।
बाराकोट ब्लॉक में डिग्री कॉलेज न होने का सबसे ज्यादा नुकसान छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है। लोहाघाट या दूसरी जगह भेजने में काफी रकम लगती है, जो कमजोर वर्ग के लिए मुश्किल रहता है। – चंद्रकला, छात्रा।

चंपावत। चार ब्लॉक वाले चंपावत जिले में सात राजकीय डिग्री कॉलेज हैं। इनमें से टनकपुर, बनबसा, देवीधुरा, अमोड़ी, पाटी के पांच कॉलेज राज्य बनने के बाद खुले हैं। सिर्फ लोहाघाट और चंपावत के कॉलेज ही राज्य बनने से पहले के हैं। जिले के तीन ब्लॉकों चंपावत में चार, पाटी में दो, लोहाघाट ब्लॉक में एक राजकीय डिग्री कॉलेज है।
प्राइमरी स्कूल भवन में चल रहा पाटी डिग्री कॉलेज
चंपावत। कॉलेज की संख्या बढ़ने के बावजूद गुणवत्ता में कोई बहुत सुधार नहीं हुआ है। जिले के सात कॉलेजों में से पांच लोहाघाट, चंपावत, टनकपुर, बनबसा, देवीधुरा के ही भवन हैं। अमोड़ी कॉलेज के भवन का लोकार्पण होने के बावजूद यह कॉलेज जीआईसी के कमरों में ही चल रहा है। वहीं पाटी डिग्री कॉलेज के पास न तो अपना भवन है और न ही पर्याप्त विषय। यह प्राइमरी स्कूल के भवन में संचालित है।

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